चार माह बाद प्रारंभ हुई कोटेश्वर तीर्थ में भगवान की पूजा-अर्चना
नर्मदा जयंती पर हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
कोटेश्वर तीर्थ में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य लाभ लिया।
निसरपुर. बसंत पंचमी के दिन भगवानों की चार महीने बाद श्रद्धालुओं ने पूजा.अर्चना की। इसके पूर्व 4 महीने से सभी मंदिर बैक वाटर में डूबे हुए थे अब सभी मंदिरों में भगवान की पूजा अर्चना यथावत प्रारंभ हो गई है। ज्ञात हो कि इस वर्ष वर्षा के मौसम में सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर के कारण नर्मदा तट के सभी मंदिर जलमग्न हो गए हैं धीरे.धीरे बैक वाटर कम हो रहा है।
शनिवार को मां नर्मदा जयंती के पावन पर्व पर कोटेश्वर तीर्थ में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य लाभ लिया। साथ ही मां नर्मदा मंदिर व श्री श्री 1008 श्री कमल दास जी महाराज कनक बिहारी आश्रम में भी श्रद्धालुओं ने महाराज जी की चरण पादुका का पूजन अर्चन किया। बैक वाटर कम होने पर शुरू हुई चहल पहल: सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर से जलमग्न हुआ निसरपुर क्षेत्र का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल में एक बार फिर रौनक दिखाई देने लगी। निसरपुर सहित आसपास जिलों में अपनी विशेष पहचान से जानने वाला क्षेत्र कोटेश्वर आस्था का केंद्र भी माना जाता है यहां दूर.दूर से श्रद्धालु अपने मन्नत को लेकर पहुंचते हैं सरदार सरोवर बैक वाटर कम होते ही फिर से कोटेश्वर तीर्थ में चहल.पहल शुरू हुई। लगातार 4 महीने तक यह क्षैत्र बैक वाटर होने की वजह से पूरा क्षेत्र वीरान सा लगने लगा था। ब्लैक वाटर की वजह से पूरा क्षेत्र खाली होकर पुनस्र्थापित हो गया था लेकिन जैसे ही बैक वाटर पानी कम होने लगा फिर श्रद्धालुओं का ताता कोटेश्वर तीर्थ में लगने लगा। लंबे समय के बाद कोटेश्वर तीर्थ वैसा ही नजर आने लगा जैसे पहले दिखाई देता था फिर से दुकानें सजने लगी साथ ही चहल.पहल दिखाई देने लगी।
घाट की सफाई की
करीब चार महीने से बैक वाटर के कारण घाट पर गाद जमा हो गई जिसे शनिवार को नर्मदा जयंती पर मां नर्मदा घाट निर्माण समिति के सदस्यों व श्रद्धालुओं ने क्रेन मशीन से साफ.-सफाई कर घाट को स्वच्छ सुंदर किया गया। जिससे श्रद्धालुओं को स्नान करने में सुविधा हुई।
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