एक साथ हजारों लोगों ने सस्वर पाठ किया और बुक ऑफ रिकार्ड में धार का नाम दर्ज करवाया है। यह कीर्तिमान भोज नगरी के राम भक्त हमेशा याद रखेंगे। राम रक्षा स्त्रोत के पाठ से हर सनातनी ने अपने ऊपर राम की रक्षा का कवच भी प्राप्त कर लिया है। श्रीराम लला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर दो दिनी उत्सव के तहत दीपावली पर्व जैसा नजारा दिखाई दिया। यह आयोजन चौबीस घंटे अविरत जारी रहेंगे। शाम ४ बजे पूरा शहर घोड़ा चौपाटी पर आकर थम गया। यहां हजारों परिवारों ने एक साथ मिलकर राम रक्षास्त्रोत व हनुमान चालीसा का पाठ किया।
वैदिक मंत्रोचारण के साथ हुआ आयोजन
शहरवासी रविवार को ऐतिहासिक आयोजन के साक्षी बने। जिसमें धर्म की बयार चली और हर कोई रामजी की भक्ति में लीन नजर आया। कार्यक्रम स्थल पर बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्गों का जमावड़ा लगा रहा। कोई छोटा न बड़ा था। एक साथ एक बिछायत पर बैठ राम भक्तों ने पाठ शुरू किया। ऊर्जा को ऐसा संचार हुआ कि पूरे वातावरण में पाठ के श्लोकों की मिठास घुल गई। इसमें भक्ति स्वर प्रदान करने में पं. निलेश व्यास व पं. गोपाल जोशी के साथ श्रीराम मंदिर मांडू के 21 बटुकों ने अपना योगदान दिया। आयोजन समिति के विनय आग्रही भाव की स्वीकार किया और रामोत्सव कार्यक्रम में सकल हिंदू समाज की मौजदूगी ने आयोजन के गौरव को बढ़ा दिया। शुरूआत में पं.देशराज वशिष्ठ द्वारा गायन की प्रस्तुति दी गई। इसके बाद सामूहिक रूप से तबला वादन किया गया।
फैक्ट फाइल…
-०२ घंटे चला कार्यक्रम
-१११११ लोगों ने मिलकर किया सामूहिक राम रक्षा स्त्रोत पाठ
-१३ बार विजय मंत्र का हुआ गायन
-२१ बटुकों के साथ विद्वान पंडि़तों ने कराया पूजन
-१४ बस्ती में १०० से अधिक प्रभात फेरी निकाली गई
-२०० बैठकों का हुआ आयोजन
डीएच-फोटो २२०४
धार। राम स्त्रोत पाठ करने के लिए उमड़ा जनसैलाब।
डीएच-फोटो २२०५
धार। शंखनाद की ध्वनी से राममय हुआ शहर।