करीब 8 किमी लंबे घाट सेक्शन में गणपति घाट खतरनाक डेंजर जोन (Danger Zone) है, जो प्रदेश का सबसे बड़ा ब्लैक स्पॉट भी है। यहां पिछले 15 सालों में तकरीबन 404 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं हाल के आंकड़े बताते है कि इस घाट पर बीते 2 माह के दौरान करीब हर दूसरे दिन वाहनों के ब्रेक फेल होने से दुर्घटनाएं हुई है।
नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) अब तक दर्जनों बार
एमपी के इस घाट की ढलान और अंधे मोड़ से होने वाले हादसों को नियंत्रित करने का प्रयास कर चुकी है। लेकिन राह आसान नहीं हो रही है।
अब करीब 100 करोड़ की लागत से गणपति घाट के ब्लैक स्पॉट समाप्त किए जाएंगे, इस नए प्रोजेक्ट के कार्य का श्रीगणेश हो चुका है और घाट सेक्शन में आने व जाने के लिए नई व पुरानी सड़क का अलग-अगल उपयोग किया जाएगा, साथ ही थ्री-लेन की नई सड़क भी बन रही है।
अंधा मोड़ और ढलान होगा खत्म
घाट सेक्शन में हादसों को रोकने के लिए अलग से तीन लेन वाली सड़क बन रही है, इससे 4 किमी की खतरनाक ढलान व ब्लैक स्पॉट खत्म होंगे। एनएचएआइ (NHAI) नई सड़क पर काम कर रहा है, दिसंबर तक लक्ष्य रखा है, दावा है कि समय सीमा से पूर्व काम हो जाएगा। एनएचएआइ (NHAI) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया, ढलान और अंधे मोड़ होने से हर माह करीब 10 दुर्घटनाएं होती हैं। हमने पेवर ब्लॉक लगाकर दुर्घटनाएं रोकने की कोशिश की, लेकिन परिणाम नहीं आए, वर्तमान में ड्रम रखे हैं। इससे कुछ हद तक राहत है, स्थायी समाधान के लिए नई सड़क बनाई जा रही है।
क्योंकि खतरनाक है घाट
नेशनल हाईवे पर गुजरी से मानपुर के बीच करीब 8 किमी का घाट सेक्शन है। इसमें धामनोद की ओर से आने वाले वाहन गणपति घाट चढ़कर इंदौर की ओर जाते हैं। जबकि इंदौर से धामनोद-खलघाट के लिए जाने वाले वाहनों को उतरते समय ढलान लगती है। ] नीचे उतरते समय वाहनों को कंट्रोल करना मुश्किल होता है। खासकर बड़े और भारी वाहनों के ब्रेक फेल होने पर अनियंत्रित होकर पलटने और दूसरे वाहनों से टकराने जैसी घटनाएं होती है।
नहीं रहेगा एक भी ब्लैक स्पॉट
बांझल ने बताया, मौजूदा सड़क से 3 किमी दूर 8.8 किमी की नई तीन लेन सड़क बन रही है, 4 वाया डक्ट भी रहेंगे। इस पर एक भी ब्लैक स्पॉट नहीं होगा। इसके बन जाने के बाद वर्तमान सड़क वन- वे रह जाएगी। घाट नीचे उतरते समय वाहन नई सड़क से गुजरेंगे। जबकि चढ़ाई के लिए पुरानी सडक़ रहेगी। तीन माह में काम पूरा हो जाएगा। नई सड़क बनने के बाद आने-जाने की दोनों राह अलग होंगी, जिससे दुर्घटनाओं पर रोक लगेगी।