एएसआई की टीम के 20 अधिकारी, कर्मचारी व 40 मजदूरों सहित पक्षकारों के साथ भोजशाला परिसर पहुंची और सुबह से शाम तक सर्वे किया। रविवार को मजदूरों की संख्या बढ़ाई गई थी। इसके चलते मिट्टी हटाने का काम तेज गति से हुआ। इससे पहले टीम को एक सफेद पत्थर के अवशेष मिले थे, इस पर कमल के फूल की आकृति दिखाई दे रही है।
ये भी पढ़ें: अवैध कॉलोनियों पर कलेक्टर ने दिए निर्देश, SDM और तहसीलदार तुरंत करेंगे कार्रवाई 17 से 18 फीट तक मिट्टी हटाई जा चुकी
बता दें कि सर्व के लगभग 60 दिन पूरे हो चुके है। जिसके बीच खुदाई में कई सारी चीजें मिली हैं। भोजशाला के भीतरी परिसर में मिट्टी हटाने के दौरान तीन दीवार नुमा आकृति मिली थी। इसमें 17 से 18 फीट तक मिट्टी हटाई जा चुकी है। अब वहां अधिक गहराई तक खुदाई संभव नहीं है क्योंकि बड़े आकार के पत्थर बाधा बन रहे हैं।
खोदाई में अब तक 1400 छोटे-बड़े अवशेष प्राप्त हो चुके हैं। इसके अलावा सिक्के और तलवार भी मिले हैं। बता दें कि हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर भोजशाला में 22 मार्च से एएसआइ सर्वे हो रहा है। सर्वे 27 जून तक चलेगा।
अब तक क्या क्या मिला
- हिंदू देवी-देवताओं के चिह्न
- बारीक नक्काशी वाले पत्थर
- कमल के फूल की आकृति वाले पत्थर
- गर्भगृह में दीवारनुमा आकृति
- सिक्के
- तीन फीट लंबी तलवार
- दो पिलर बेस
- 1500 छोटे-बड़े अवशेष
11 मार्च को हाई कोर्ट ने सर्वे का दिया था आदेश
बता दें कि बीते 11 मार्च को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ASI को छह सप्ताह के भीतर भोजशाला परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था. मध्यकालीन युग के इस स्मारक को हिंदू, देवी वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानते हैं और मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद कहते हैं. अदालत के निर्देशों पर वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ASI टीम ने 22 मार्च को आदिवासी बाहुल्य जिले में विवादित परिसर में अपना सर्वेक्षण शुरू किया.