हिंदू पक्षकार आशीष गोयल का कहना है कि उत्तर पूर्वी हिस्से में उत्खनन का काम चला। इसमें छोटे 6 अवशेष प्राप्त हुए हैं और 5 बड़े अवशेष मिले हैं। इस तरह आज के सर्वेक्षण में कुल 11 अवशेष मिले हैं। एएसआई ने इनको अपने संरक्षण में लिया है। याचिकाकर्ता की ओर से मैंने आज दो निवेदन किए हैं, जिसमे पहले निवेदन अभी तक हाईकोर्ट ने जो 50 मीटर परिधि के सर्वे का आदेश दिया था। उसमें उत्तरी, दक्षिणी और पश्चिम दिशा में काम हुआ है। दूसरा निवेदन ये कि भोजशाला के मुख्य द्वार पूर्वी दिशा में अबतक कोई काम नहीं किया गया है। इस पूर्वी हिस्से में भी संरक्षण का कार्य किया जाए। दूसरा यहां पर 22 मार्च से ही सर्वे का काम चल रहा है और कहीं अवशेष प्राप्त हो रहे हैं। इसके पूर्व में भी भोजशाला से कई अवशेष मिले हैं। जो धार के किले में है, मांडू में है और भी कहीं जगह हैं उनको रखा गया है। ये सभी धार्मिक महत्व के हैं। उसमें कई मूर्तियां भी है। उन सभी को संग्रहालय बनाकर रखा जाए।
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मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद का कहना है कि उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में जो ओटला बना था, उसे एएसआई ने ही बनाया था। कुछ बिल्डिंग के पार्ट उस पर रखे गए थे। उसे हटाने का काम किया जा रहा था। उससे नीचे खुदाई की जा रही है। उसमें नीचे इंसानी हड्डियां और अवशेष पाए गए हैं। उससे साबित होता है कि आसपास कितनी कब्रे तोड़ी गई हैं। कितनी कब्रों को नुकसान पहुचाया गया है। आज दिनभर पार्ट्स निकले है। बिल्डिंग में उनकी फोटोग्राफी वीडियोग्राफी की गई है। आज पूर्वी साइड में जो ओटला बना था, जहां वायर फैंसिंग की गई थीस वहां से अंदर एक दीवार निकली है। उसमें से अवशेष निकले हैं। एएसआई ने ये अवशेष डंप किए थे, हमने ये आपत्ति भी ली है।