पीडि़ता ने इसकी जानकारी अपनी मां को दी, जिसके बाद प्रार्थिया ने सीधे मगरलोड थाना पहुंचकर इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई। (cg news) मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने अभियुक्त हरिशचन्द्र साहू के खिलाफ धारा 376 क-ख भादवि एवं धारा 06 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत जुर्म दर्ज किया गया। पीडिता की मेडिकल जांच कराया गया। (cg crime news) आवश्यक साक्ष्य जुटाने के बाद पुलिस ने केस डायरी न्यायालय में पेश किया गया, जहां मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायालय (फास्ट ट्रेक कोर्ट/पॉक्सो) में चली। (crime news) विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार जैन ने मामले में सारे सबूतों को देखने और गवाहों को सुनने के बाद अभियुक्त हरिशचन्द्र साहू को दोषसिद्ध करार दिया।
इसके बाद फास्ट ट्रेक कोर्ट ने अभियुक्त हरिशचन्द्र साहू को पाक्सो एक्ट की धारा 06 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही एक हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड की राशि जमा नहीं कराने पर उसे 6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। (dhamtari crime news) इस मामले में शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक मोहित देवांगन ने पैरवी की।