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पत्रिका पड़ताल में पता चला है कि शहर में ऐसे कई लोग है, जिनके पास मकान का पट्टा है और न ही कोई अन्य दस्तावेज। इसके अलावा पट्टाधारी मकान मालिकों ने अधिक जगह पर अतिक्रमण कर मकान बनवा लिया है। जबकि आवेदन करने के लिए उन्हें नक्शा, खसरा के साथ ही जमीन का बी-1, पट्टा समेत अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराना जरूरी है। निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियमितीकरण के तहत कार्रवाई शुरू होने के बाद उनके पास ऐसे भी आवेदन आ रहे है, जिनमें महत्वपूर्ण दस्तावेज ही उपलब्ध नहीं कराया गया है।Weather Update : छत्तीसगढ़ में बदला मौसम का मिजाज, इन जिलों में हुई बारिश, जारी हुआ अलर्ट
आवेदन एक नजर में सूत्रों की मानें तो नगर निगम प्रशासन को दुकान और मकान का नियमितीकरण कराने के लिए औसतन करीब 3 सौ आवेदन प्राप्त हुआ है, जिसमें से 16 प्रकरणों का निराकृरण किया जा चुका है। नगर निवेश से मिली जानकारी के अनुसार अब तक कुल 55 प्रकरणों का निराकरण किया गया है, जिससे शासन को 22 लाख 93 हजार 181 रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसके अलावा संबंधित विभाग को 37 प्रकरण और भेजा गया है।-विनय पोयाम, आयुक्त नगर निगम