सुबह 9.52 बजे सिविल सर्जन डाक्टर अरूण टोंडर ओपीडी पहुंचे। उन्हें देखते ही मरीज आगे बढ़े और पोर्च में ही उन्होंने मरीज देख दवा लिाी। अन्य डाक्टरों की सीट खाली थी। मरीज डाक्टरों का इंतजार करते रहे। कुछ देर बाद पता चला कि अनेक डाक्टर तो छुट्टी पर हैं। ऐसे में मायूस होकर अधिकांश मरीज इलाज कराए बगैर लौट गए।
जिला अस्पताल में दो मेडिकल स्पेशलिस्ट है। डॉ एस वानखेड़े छुट्टी पर थे। वहीं डॉ आभारानी हिशीकर की ड्यूटी सीएम कार्यक्रम में लगा दी गई थी। ऐसे में मेडिकल स्पेशलिस्ट नहीं होने के कारण मरीजों को लौटना पड़ा। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अखिलेश देवांगन ट्रेनिंग पर है। एक अन्य शिशु रोग विशेषज्ञ छुट्टी पर थे। इलाज के लिए बच्चे लेकर आए पालकों को भी लौटना पड़ा।
हालांकि 10 बजे के बाद एक बच्चों के डॉक्टर ओपीडी में बैठे, लेकिन तब तक अनेक वापस लौट गए थे। नेत्र रोग विशेषज्ञ भी 10.20 बजे के बाद पहुंचे थे, जिसके कारण कईयों को वापस लौटना पड़ा। कुल मिलाकर मंगलवार को डॉक्टर नहीं मिलने से अधिकांश मरीजों को बैरंग लौटना पड़ा।
CG News: चिकित्सा सुविधाएं बेपटरी
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ राकेश सोनी, मेडिकल आफिसर डॉ आभारानी हिशीकर, डॉ एस सार्वा, डॉ मेहताब की सीएम कार्यक्रम में ड्यूटी लगी थी। जबकि डॉ एस वानखेड़े, डॉ एमए नसीम, डॉ रविकिरण शिंदे, डॉ रागिनी ठाकुर अवकाश पर हैं। पुलिस भर्ती में डॉ राकेश साहू की ड्यूटी लगाई गई है। वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अखिलेश देवांगन को ट्रेनिंग में जाना बताया गया। डॉ एस मधूप, डॉ तेजस शाह, डॉ शुभम विश्वकर्मा, डॉ जेएस खालसा, डॉ राजेश सूर्यवंशी की ओपीडी ड्यूटी थी। वहीं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ तोमेश श्रीमाली ऑपरेशन कर रहे थे। नोटिस का नहीं हुआ असर
11 दिसंबर को सिविल सर्जन डॉ एके टोंडर ने देर से आने वाले डाक्टरों को नोटिस जारी कर कड़ी चेतावनी दी थी। इस चेतावनी का भी कोई असर नहीं दिखा। कलेक्टर नम्रता गांधी ने
धमतरी में पदभार ग्रहण करने के बाद 6 महीने की ड्यूटी में ही 3 बार जिला अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्था सुधारने प्रयास की। कलेक्टर के निरीक्षण से काफी हद तक व्यवस्था ठीक थी।
पिछले 4-5 महीने से वे भी अस्पताल नहीं पहुंच रही। इधर डाक्टरों की मनमानी से मरीजोें पर आफत आ रही है। मजबूरी में गरीब व मीडिल क्लास के मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में महंगा इलाज कराना पड़ रहा। इधर सत्ता पक्ष के जिमेदार नेता भी मरीजों की मजबूरी नहीं समझ रहे। स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के निरीक्षण का भी कोई असर नहीं दिख रहा है। चार महीने पूर्व उन्होंने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था।
मेडिकल आफिसर सहित 10 डाक्टरों की जरूरत
CG News: जिला अस्पताल धमतरी की ओपीडी रोजाना 550 से अधिक होती है। धमतरी, बालोद, कांकेर, गरियाबंद, कोंडागांव सहित बस्तर के मरीज भी यहां पहुंचते हैं। एनएचएम से नियुक्त डाक्टरों को छोड़कर जिला अस्पताल में कुल 16 डाक्टर कार्यरत हैं। 15 पोस्ट खाली है। अस्पताल को 10 डाक्टरों की जरूरत है। 1 मेडिकल आफिसर की सत जरूरत है। कुछ महीने बाद डॉ एस वानखेड़े भी रिटायर हो जाएंगे।