Pandit Pradeep Mishra in Dhamtari: यहां वृद्धि विहार में स्व. हीरालाल शर्मा श्रीधर की पुण्य स्मृति में आयोजित शिवकथा में
पंडित प्रदीप मिश्रा ने आगे कहा कि परमात्मा ने हमें जीवन काल में जो समय दिया है उसे हमें हमेशा ताड़ते और साधने की जरूरत है। अच्छे समय के इंतजार में हम अपना अच्छा कर्म कल पर टालते रहते हैं, जो कभी नहीं आता। उन्होंने कहा कि बचपन और जवानी बीतने के बाद हमें पता चलता है कि हमने अपने जीवन का स्वर्णिम और सबसे अच्छा समय खो दिया है।
Pandit Pradeep Mishra ki Katha: उन्होंने बाल्य काल से ही बच्चों में संस्कार को बहुत अधिक महत्व देते हुए कहा कि बचपन और जवानी में यदि भगवत भक्ति अच्छे कर्म चाहे वह किसी भी स्वरूप् में हो जैसे भूखे को भोजन, प्यासे को पानी, कमजोर की रक्षा और रोगी की सेवा इत्यादि कर्म करें तो निश्चित तौर पर उसका बुढ़ापा सुखद होगा।
ठीक इसके विपरित यदि हमने बचपन में बच्चों में संस्कारों की बीज नहीं बोए तो बुढ़ापे में हमें रोना पडे़गा। क्योंकि आज के असंस्कारित युवा कुत्तों को अपने साथ घुमाना पसंद करते है, पर अपने माता-पिता को घुमाना पसंद नहीं करते। आज की कथा में उन्होंने ब्रह्मचित्त शिवभक्त की कथा का रसपान शिव भक्तों को कराया।
साथ ही उन्होंने भक्तों के विभिन्न पर्चो को पढ़ते हुए शिव भक्ति के चमत्कार का वर्णन करते हुए अप्रत्यक्ष रूप से कुछ लोगों को चेतावनी दी कि धर्म को व्यापार न बनाए और शिव भक्तों की सेवा व उनकी सुविधा का पूरा ध्यान रखे। कथा सुनने के लिए मुयमंत्री विष्णु देव साय की पत्नी कौशिल्या साय, विधायक अजय चन्द्राकर, कमला देवी शर्मा, प्रकाश शर्मा, प्रतिभा चन्द्राकर, उर्मिला, रतन शर्मा, रंजना साहू, संतोष उपाध्याय समेत बड़ी संया में श्रद्धालु मौजूद रहे।
Pandit Pradeep Mishra ki Katha: भीषण गर्मी में भी दिखा उत्साह
कथा के पांचवें दिवस पर भीषण गर्मी के बावजूद बड़ी संया में शिव भक्तों का जनसैलाब उमड़ा। कथा के सुचारू संचालन में जन समर्पण सेवा समिति दुर्ग के प्रमुख बंटी शर्मा, जितेंद्र राठी,भूपेंद्र चंद्राकर, ज्योति चंद्राकर, बसंत सिन्हा, चंद्रशेखर चंद्राकर, मालकराम साहू, जितेंद्र अग्रवाल, पंकज नायडु, राजेश पवार, दीपक अग्रवाल, दीपक गांधी, विजय केला, सत्यम चंद्राकर, कृष्णकांत साहू सेवा में जुटे रहे।