नक्सलियों ने 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाया गया था। इस बीच वनांचल के कई गांवों में नक्सलियों के बैठक लेने की खबर हैं। सूत्रों के मुताबिक नक्सली शहीदी सप्ताह के तहत गांव-गांव में जनअदालत लगाकर अपनी विचारधारा का प्रचार करते हैं, साथ ही नए-नए युवकों को प्रलोभन देकर अपने साथ जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। कोरोना काल में नगरी-सिहावा वनांचल में बाहर पढ़ने गए कई युवक-युवतियां घर लौट आए हैं।
नक्सलियों की नजर ऐसे युवाओं पर हैं। देर शाम होते ही नक्सली जंगल से निकल कर गांवों में चले आते हैं और उन्हें अपनी विचारधारा से प्रभावित करने की कोशिश करते है। सूत्रों के अनुसार वनांचल के कई युवा नक्सली समर्थक संगठनों से जुड़ गए है। इनमें से कुछ लोगों के हाथों में बंदूक थमाकर उन्हें ट्रेनिंग भी दी जा रही है। इससे एक बार फिर सीतानदी टाइगर रिजर्व के गांवों में नक्सली खौफ बढ़ गया हैं। खासकर टाइगर रिजर्व के 40 गांवों में लाल आतंक का भारी खौफ है। सूत्रों के मुताबिक धमतरी के वनांचल में करीब 70 से 80 नक्सली सक्रिय है।
गौरतलब है कि धमतरी जिले में सक्रिय सीतानदी दलम, नगरी एरिया कमेटी, गोबरा दलम, रावस कमेटी, उदंती दम, इंदागांव दलम, मैनपुर डिवीजन कमेटी में 95 फीसदी नक्सली बस्तर, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश के हैं। स्थानीय युवकों में सिर्फ टिकेश्वर ध्रुव (एकावरी) और प्रमिला (गोना) शामिल हैं, जिनकी कमांड यहां सक्रिय कमांडर सत्यम गावड़े करते है। उनके साथ दीपक मंडावी, रूपेश सलाम, जयलाल, दीपा, उमा बस्तर, जानसी, टीना, रोनी महाराष्ट्र सक्रिय है।
डिवीजन कमांडर कार्तिक उर्फ दसरू (आंध्रप्रदेश) के दिशा-निर्देश में बस्तर के बाद अब नक्सली कांकेर, कोंडागांव के लाल गलियारे के तहत धमतरी में संगठन विस्तार के लिए अपनी ताकत झोंक दी है। उधर, पुलिस भी गांव-गांव में पहुंचकर नक्सलियों की सक्रियता को टटोल रहे है। गत दिनों पुलिस की एक टीम एकावारी भी गई थी। नक्सल पंथ से नए युवाओं के जुडऩे की तस्दीक करते रहे,लेकिन नक्सलियों के खौफ से कोई भी ग्रामीण अपना मुंह नहीं खोलते।
घर जाकर दी थी समझाईश
उल्लेखनीय है कि वनांचल में नक्सलियों की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए पिछले दिनों नगरी एसडीओपी मयंक रणसिंह दलबल के साथ नक्सल प्रभावित ग्राम एकावारी पहुंचे थे। ग्रामीणों, युवाओं और बच्चों की बैठक लेकर उनका मन टटोला था। इस बीच बच्चों को नेक रास्ते पर चलने के लिए पढ़ाई-लिखाई में मदद करने की भी बात कही, साथ ही नक्सली टिकेश ध्रुव के परिजनों से मिलकर उन्हें समझा-बुझाकर आत्म समर्पण के लिए प्रेरित किया। उन्हें भरोसा दिलाया कि टिकेश ध्रुव आत्म समर्पण करता है,तो उसे पुर्नवास नीति के तहत लाभान्वित भी किया जाएगा।
पुलिस की उड़ाई नींद
बारिश के दिनों में यहां धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र चमेदा, साल्हेभाट, मासुलखोई, गोबरा और छोटे गोबरा के घने जंगलों में तंबू तानकर रहने की खबर है। जंगल से छनकर आ रही खबरों ने पुलिस की नींद उड़ा दी है। यही कारण है कि एसडीओपी मयंक रणसिंह समेत केरेगांव, दुगली, नगरी, सिहावा, मेचका, बोराई, खल्लारी टीआई सर्चिंग बढ़ा दी है। बारिश के सीजन में सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में कई ऐसे गांव हैं, जहां नदी-नालों के चलते पुलिस जंगल में अंदर तक घुस नहीं पाती। इसका फायदा वे संगठन के विस्तार के लिए कर रहे हैं।
एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने कहा, वनांचल को लाल आतंक से मुक्त करने विशेष अभियान चलाया जा रहा है। यहां नक्सलियों द्वारा नए युवकों को जोड़ने की खबर नहीं है। स्थानीय में एकावारी के टिकेश ही यहां सक्रिय है।