जिले में शिक्षा व्यवस्था के लिए करीब 15 सौ सरकारी स्कूलें हैं। इनमें से अधिकांश स्कूलें शिक्षकों के अभाव से जुझ रहा है। शिक्षा विभाग के अनुसार प्राथमिक शिक्षा के लिए 877 स्कूलें हैं, जहां सेटअप के मुताबिक 57 शिक्षकों की कमी बनी हुई है। प्राथमिक स्कूलों में 1521 शिक्षक कार्यरत है। इसी तरह माध्यमिक शालाओं में 247 शिक्षकों की कमी है। 2113 शिक्षकों के सेटअप के विरूद्ध 1866 शिक्षक ही पदस्थ हैं। प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं की तरह हायर सेकंडरी स्कूलों में भी शिक्षकों का बड़ा अभाव है। यहां तो मेन पावर के रूप में आधे से ज्यादा स्कूलों में प्राचार्य ही नहीं है। उल्लेखनीय है कि धमतरी जिले में 168 हायर सेकंडरी स्कूलें हैं, जिनमें से 110 स्कूलों में प्राचार्य ही नहीं है अर्थात यहां प्रभारी प्राचार्यो के भरोसे स्कूलों का संचालन हो रहा है। जिले में 168 स्कूलों में से 57 स्कूलों में ही प्राचार्य पदस्थ हैं। ऐसे में प्रभारी प्राचार्यो के कारण स्कूलों की व्यवस्था भी प्रभावित हो रही हैं।
ऐसा होना था सेटअप शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक प्राथमिक शाला में प्रति 30 छात्रों के दर्ज संख्या के विरूद्ध एक शिक्षक होना अनिवार्य है। इसी तरह माध्यमिक शाला में प्रति 35 छात्रों के विरूद्ध एक तथा हाईस्कूल में प्रति 40 छात्रों के मान से एक शिक्षक होना चाहिए, लेकिन धमतरी जिले में यह रेसियो पूरा नहीं होता।
11 सालों से नहीं हुई पदान्नेति गौरतलब है कि धमतरी समेत पूरे प्रदेशभर में टी-संवर्ग के शिक्षकों का पदोन्नति वर्ष-2013 तथा ई-संवर्ग के शिक्षकों की पदोन्नति वर्ष-2016 के बाद से नहीं हुई है। छग राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने बताया कि हाईस्कूल तथा हायर सेकंडरी स्कूलों में प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं होने से रिक्त पदों की संख्या बढ़ते ही जा रहा है। धमतरी में प्राचार्य के 110 पद रिक्त है, वहीं प्रदेशभर में यह संख्या 3266 है। कई स्कूलों में नियमित व्याख्याता तथा नियमित प्रधान पाठक सेवानिवृत्त हो गए है। प्राचार्य पद पर पदोन्नति का रास्ता देखते-देखते अनेकों व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों की मृत्यु हो गई है। उन्होंने शिक्षा मंत्री से प्राचार्य पद पर जल्द पदोन्नति देने की मांग की है, ताकि स्कूलों का संचालन सुचारू हो सके।
जिले में प्राचार्यो के रिक्त पदों के संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में भी आसपास स्कूलों से अतिशेष शिक्षकों (CG Hindi News) को भेजा जा रहा हे, ताकि अध्ययन व्यवस्था प्रभावित न हो। – बृजेश वाजपेयी, डीईओ धमतरी