सूत्रों की मानें तो इन गड्ढों में गिरकर अब तक करीब दो दर्जन से अधिक वाहन चालक घायल हो चुके हैं। इसके बाद भी निगम प्रशासन और पीडब्लूडी विभाग की नींद नहीं टूट रही है। ऐसे में अव्यवस्था को लेकर लोगों में रोष पनपने लगा है। मानूसन के सक्रिय होने के साथ ही जिले में झमाझम बारिश शुरू हो गई है। इसके बाद भी निगम और पीब्डलूडी विभाग की ओर से सड़कों का मरम्मत नहीं कराया गया है। ऐसे में मानसून की पहली बारिश में ही सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। इसमें गिरकर वाहन चालक घायल हो रहे हैं।
सड़क पर 100 से अधिक हैं गड्ढे पत्रिका टीम ने नया बस स्टैंड से लेकर अम्बेडकर चौक तक सड़कों का जायजा लिया। देखा गया कि करीब तीन किलो मीटर की दूरी पर करीब एक हजार से अधिक गड्ढे हो गए हैं। इससे आवागमन करने में वाहन चालक और राहगीरों को परेशानी हो रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को दोपहर 1.30 बजे मकई चौक के आगे सड़क में बने गड्डे में गिरकर एक स्कूली सवार महिला घायल हो गई।
प्रत्यक्षदर्शी मुकेश कुमार, जयपाल नेताम ने बताया कि सड़कों में करीब 5 इंच तक बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। पिछले एक सप्ताह में करीब दर्जन भर अधिक वाहन चालक गड्ढे में गिरकर घायल हो चुके हैं। शासन-प्रशासन को भी सड़कों की मरम्मत कराने गुहार लगाया गया, लेकिन नतीजा सिफर रहा। गौरलतब है कि सड़कों में बने इस गड्ढे के कारण दुर्घटनाएं भी हो रही है। पिछले दिनों पुराना बस स्टैंड में दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के पास बाइक का चक्का सड़क में बने गड्ढे में चला गया। इस दौरान वह सामने खड़े एक अन्य बाइक के चालक से जा टकराया। हालांकि इस घटना में दोनों ही बाइक सवारों चोट नहीं आई।
वर्ष 2023 में हुई सड़क दुर्घटना – जनवरी में 36
– फरवरी में 41
– मार्च में 31
– अप्रैल में 43
– मई में 30 व 26 जून की स्थिति में करीब 35 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी है। इस तरह बीते 6 महीने में अब तक करीब 207 सड़क दुर्घटनाएं हुई है। इसमें 87 लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं। जबकि 235 लोग घायल हुए हैं।
हड्डी फ्रेक्चर के भी बढ़े मरीज हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ रोकेश सोनी ने बताया कि सड़कों के गढ्ढे में पडऩे से वाहन हिचकोले खाती है। इससे शरीर में रीढ़ की हड्डी में प्रेशर बनता है। हड्डियों में घिसाव बढ़ जाता है। यही नहीं मांसपेशियों में भी जकडऩ आ जाती है। इससे शरीर में दर्द भर जाता है। यही वजह है कि शहर में हड्ड़ी रोग से पीडि़त मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है।
ये हैं लोगों का कहना धमतरी में डबल इंजन की सरकार है। इसके बाद भी विकास कार्यों का कोई अता-पता नहीं है। नेशनल हाइवे की सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। इससे पीडब्लू विभाग को भी शासन की ओर से पर्याप्त फंड मिला है। निगम प्रशासन भी अपनी जिम्मेदारी नहीं बच सकता। ऐसे में यदि जनता परेशान हो रही है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है।
– रंजीत छाबड़ा, वरिष्ठ नागरिक राज्य शासन की ओर से पीडब्लू विभाग को करीब १७ करोड़ का फंड उपलब्ध कराया गया है। इसके बाद भी सड़कों की मरम्मत नहीं कराना विभागीय उदासीनता को प्रदर्शित करता है। ऐसे में अपने कर्तव्य और कार्यों के लिए उदासीनता बरतने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होना चाहिए।
– युसूफ रिवजी, जागरूक नागरिक
पिछले चार सालों में राज्य सरकार की ओर से नेशनल हाइवे की सड़कों की एक बार भी मरम्मत नहीं कराया गया है। पीडब्लूडी विभाग को मरम्मत कार्य के लिए 17 करोड़ का फंड उपलब्ध कराया गया है, लेकिन अब तक इन कार्य के लिए टैंडर नहीं लगाया गया है। यह विभागीय उदासीनता को प्रदर्शित करता है।
– रंजना साहू, विधायक धमतरी
शहर की 98 प्रतिशत सड़कें अच्छी है। निगम प्रशासन ने करोड़ों रूपए खर्च कर सड़कों का नवनिर्माण कराया है। नेशनल हाइवे की सड़कों की मरम्मत कराने की जिम्मेदारी पीडब्लूडी विभाग की है। – विजय देवांगन, महापौर