उल्लेखनीय है कि धमतरी जिले में खरीफ सीजन में करीब 135 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसानों ने धान की फसल लगाया था। 1 नवंबर से समर्थन मूल्य में धान की खरीदी शुरू होने से अब किसान हार्वेस्टर में कटाई, मिंजाई कर अपनी उपज को सीधे केन्द्रों में बेच रहे हैं, लेकिन शेष बचे धान को कृषि उपज मंडी में ला रहे हैं। इसी के चलते इन दिनों मंडी में धान की आवक अचानक बढ़ गई है। मंडी सूत्रों की मानें तो दिन-ब-दिन धान की आवक में बढ़ोत्तरी हो रही है। बताया गया है कि 2 नवंबर को मंडी में 3061 कट्टा धान की खरीदी की गई। वहीं 4 नवंबर को 22 सौ कट्टा और 7 नवंबर को अधिकतम 74 सौ कट्टा धान की खरीदी हुई है। उधर किसान ओमप्रकाश साहू, हेमंत साहू, नरोत्तम नेताम, अभय कुंजाम का कहना है कि शासन की ओर से समर्थन मूल्य में अधिकतम 15 क्विंटल धान ही खरीदा जा रहा है, इसलिए शेष उपज को मजबूरी में उन्हें मंडी में बेचना पड़ रहा है। जैसे-जैसे धान की आवक बढ़ेगी। धान की कीमत में भी कमी आएगी।
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धान की कीमत एक नजर में
बताया गया है कि आईआर-64 प्रति क्विंटल 1600 से लेकर 1835 रूपए तक बिक रहा है। इसी तरह 1010 धान की किस्म 1750 से 1830 रूपए, शांभा प्रति क्विंटल 1890 से 1945 रूपए, गोल्डन शांभा धान प्रति क्विंटल 1935 से 2000 रूपए, ओमथ्री प्रति क्विंटल 1940 से 1981 रूपए में बिक रहा है। इस तरह पिछले माह की तुलना में इस माह में धान की आवक में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोत्तरी हुई है।
मजदूरों को मिलने लगा काम
उधर मंडी में धान की आवक बढ़ने के साथ ही मंडी मजूदरों को भी पर्याप्त काम मिल रहा है। मंडी मजदूर गोपीकिशन साहू, सेवकराम साहू, शंकरलाल साहू का कहना है कि धान की कटाई शुरू होने के साथ ही यहां धान की आवक में बढ़ोत्तरी हुई है, जिससे उन्हें राहत मिली है। उन्होंने कहा कि सामान्य दिनों में भी मजदूरों को काम दिलाने के लिए मंडी प्रशासन को पहल करना चाहिए।