इंदौर बुधनी रेल लाइन में भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसान पर्याप्त मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। देवास, सीहोर और इंदौर जिले के खातेगांव, बागली, हाटपीपल्या, सांवेर व बुधनी विधानसभा के पीड़ित किसानों ने इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की।
खातेगांव विधायक आशीष शर्मा के नेतृत्व में किसान भोपाल में सीएम हाउस पहुंचे। किसानों की ओर से विधायक शर्मा ने मुख्यमंत्री से भूमि अधिग्रहण में गुणांक (फैक्टर) 1 की बजाय गुणांक (फैक्टर) 2 को लागू किए जाने की मांग की ताकि किसानों को 4 गुना मुआवजा राशि मिल सके।
विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि विगत 10 साल से कृषि भूमि की कलेक्टर गाइडलाइन में कोई विशेष वृद्धि नहीं हुई बल्कि कई जगहों पर तो दर कम हो गई है। इससे किसानों को कम मुआवजा मिल रहा है, इसे शीघ्र बढ़ाया जाना चाहिए।इससे वर्तमान और भविष्य के भूमि अधिग्रहण में किसानों को उचित मुआवजा मिल सकेगा।
विधायक के मुताबिक किसान के पास कृषि भूमि ही जीविको पार्जन का एक मात्र सहारा है जोकि उनसे छीना जा रहा है। इससे उनके परिवार के जीवनयापन पर संकट उत्पन्न हो जाएगा। यही वजह है कि किसानों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए जिससे वे पुन: कृषि भूमि खरीद कर अपना और परिवार का पालन-पोषण कर सके।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विधायक आशीष शर्मा एवं किसानों को आश्वस्त किया कि किसानों की मांग का परीक्षण करवाया जाएगा। किसानों के हक के लिए उचित निर्णय लिए जाएंगे। किसी भी किसान को भूमिहीन नहीं किया जाएगा।
इससे पहले अपनी मांगों को लेकर किसान देवास जिले के बिजवाड़ चौराहा पर 6 माह क्रमिक भूख हड़ताल कर चुके हैं। उस समय केंद्रीय कृषि मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद शिवराज सिंह चौहान के आश्वासन पर सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और खातेगांव विधायक आशीष शर्मा, किसानों के लिए आगे आए। यथा संभव स्थानों पर रूट परिवर्तन और उचित मुआवजा राशि दिलाने के लिए किसानी की केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात भी करवाई। तब रेल मंत्री ने रूट परिवर्तन के लिए टीम गठित की और मुआवजा राशि वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात के निर्देश दिए थे।
बता दें कि इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन को लेकर भूमि अधिग्रहण के मुद्दों पर अभी तक इंदौर में ही ठोस कार्यवाही हुई है। यहां रेलवे को पूरा पजेशन दिलवा दिया गया है। दरअसल, रेलवे के इस प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण सबसे बड़ी समस्या बन गई है। सभी जिलों के प्रभावित किसान इस प्रोजेक्ट में मिल रहे मुआवजा को लेकर विरोध दर्ज करवा चुके हैं।
2018-19 में स्वीकृत हुआ था प्रोजेक्ट
करीब 6 साल पहले सन 2018-19 में स्वीकृत हुए इस प्रोजेक्ट में कुल 105 पुल-पुलियाएं बनेंगी। 33 ब्रिज बनाए जाएंगे। 7 किमी लंबी सुरंग चापड़ा से कलवार के बीच बनेगी। एक किमी लंबी सुरंग करनावद के पास बनेगी।
यह है रूट- इंदौर के मांगलिया, नेमावर, बुधनी होते हुए जबलपुर। बुधनी, मांगलिया बनेंगे जंक्शन। 205 किमी की रेल लाइन बनने से इंदौर से जबलपुर की दूरी 68 किमी घटेगी। इस बार बजट में इंदौर-बुधनी रेल परियोजना के लिए 1080 करोड़ रुपये की बड़ी राशि दी गई।