उन्होंने कहा कि जो धैर्यवान, जोशीला, हिम्मतवाला, शालीन एवं विनम्र होगा वह समय का उपयोग करें। मनुष्य के जीवन में अनेक अवसर आते हैं, जिनका सदउपयोग करके भाग्य निर्माता व उन्नति के शिखर को छू लेता है, जो अवसर की पहचान नहीं करता वह वहीं का वहीं रह जाता है।
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन अपने जीवन की शुरूआत मुस्कराहट से करें। खुश रहे, खुश रखे, लड़ाई से सुख समृद्धि नहीं मिलती है। जीवन में तनाव वाली बातों से भी दूर रहें। इससे अशान्ति के साथ बरकत नहीं होती है। उन्होने गौ सेवा के महत्व के बारे में कहा कि गायों के प्रति विश्वास आस्था दृढ करें। उन्होंने
सूर्य पूजन के बारे में भी जानकारी दी।
सत्संग के दौरान सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु महिलाएं व पुरूष उपस्थित थे। सत्संग में संसदीय सचिव जितेन्द्र गोठवाल, पूर्व मंत्री परसादी लाल मीना, सेवानिवृत आईएएस बीएम मीना, पालिकाध्यक्ष जगदीश सैनी, पालिकाउपाध्यक्ष पुरूषोत्तम जोशी, समाज सेवी अनिल बैनाड़ा, प्रधानाचार्य देवेन्द्र मिश्रा, अरविन्द आर्य, राजेन्द्र गर्ग, ओमप्रकाश ढंड व पदाधिकारियों ने संत सुधांशु जी का स्वागत किया। मंच का संचालन मदन पारीक ने किया।(नि.सं.)
भागवत कथा में उमड़े श्रद्धालु
रलावता (बडिय़ाल कलां). ग्राम नीचला रलावता में हो रही श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में मंगलवार को प्रवचन सुनने के लिए महिला-पुरुष श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। पंडित विशम्भरदयाल शास्त्री बेरखेड़ा ने कहा कि भागवत श्रवण से मनुष्य के सभी मनोरथ सहज ही पूर्ण हो जाते हैं। श्रीकृष्ण के विवाहों का विस्तार से वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि सच्चा मित्र वही है, जो विपत्ति में
काम आए। मित्रता नि:स्वार्थ भाव से होनी चाहिए। उन्होंने यदुवंश का संहार, परीक्षित मोक्ष, सुखदेव विदाई प्रसंग का वर्णन किया। वहीं पंडित विष्णु शास्त्री ने भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध कर दिया। कथा का समापन बुधवार को पूर्णाहुति एवं भण्डारे के साथ होगा।