विद्यालय संचालक सुबह 7 बजे बच्चों को विद्यालय में बुला लेते हैं और दोपहर में 12 बजे बच्चों की छुट्टी करते हैं। इस कारण बच्चों को तेज धूप में अपने घर जाना पड़ता है। संचालकों में शिक्षा विभाग के अधिकारियों का भी कोई खौफ नजर नहीं है। उन्होंने बताया कि संचालक विद्यालय का मुय गेट बंद करके अंदर बच्चों को पढ़ाई कराते रहते हैं। इस समय क्षेत्र में बिजली कटौती भी हो रही है। ऐसे में कई बार बिजली गुल हो जाने पर बच्चों को गर्मी में कमरों में बैठकर पसीने से तरबतर होना पड़ रहा है। पूर्व में विद्यालय संचालकों ने बच्चों को लाने- ले जाने के लिए वाहन लगा रखे थे, लेकिन इस समय वाहनों को भी बंद कर रखा है। ऐसे में बच्चों को पैदल या साइकिल से विद्यालय आना पड़ता है । कस्बे के आसपास के गांव के बच्चों को गर्मी के मौसम में विद्यालय आने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ज्यादा परेशानी बच्चों को दोपहर में धूप में घर जाने में होती है, लेकिन विद्यालय संचालकों का इस और कोई ध्यान नहीं है । इस कारण परिजनों को बच्चों की तबीयत खराब होने का खतरा लगा रहता है।