दौसा जिले में मानसून के दौरान होने वाली औसत बारिश 647 एमएम है, इसकी तुलना में अब तक 971.38 एमएम (150.14 प्रतिशत) बारिश दर्ज की जा चुकी है। जबकि गत वर्ष औसत आंकड़े का 81 प्रतिशत ही पानी बरसा था। ऐसे में पिछले साल की तुलना में इस बार दोगुना पानी बरस चुका है। अच्छी बारिश से जलसंकट से जूझ रहे लोगों को राहत मिलेगी।
वहीं खेतों की सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध हो सकेगा। जलस्तर बढ़ने से सूखे पड़े कुएं-बोरवेल भी अब पानी देने लगे हैं। शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों में इन्द्रदेव की कृपा से खुशी का माहौल है।
नामोलाव बांध में भी चली चादर
जिले में इस बार पांच बांध लबालब होकर ओवरफ्लो हुए हैं, जबकि हर बार दो या तीन बांध ही पूरे भर पाते थे। मोरेल बांध, सूरजपुरा, झिलमिली व हुड़ला बांध में कई दिनों से पूरे भरने के बाद पानी आगे निकल रहा है। वहीं मंगलवार से दौसा के समीप स्थित नामोलाव बांध भी ओवरफ्लो हो गया तथा 3 इंच की चादर चल पड़ी। वहीं गेटोलाव 86.17, रेडिया डेम 43.44, जगरामपुरा 86.60, सिंथोली 87.91, दीवांचली 73.66, रामपुरा 51.61, हरिपुरा 48, महेश्वरा 60, भांकरी 77.42, कालाखो 39.08 प्रतिशत भरे हुए हैं। ग्रामीण इलाके के चौबड़ीवाला एनिकट में भी चादर चली है।
अत्यंत भारी वर्षा का अलर्ट, मामूली में ही टला
आपदा प्रबंधन विभाग ने दौसा सहित छह जिलों में 26 व 27 अगस्त के लिए बाढ़ की तरह अत्यंत भारी वर्षा होने की संभावना का अलर्ट जारी किया था, लेकिन जिले में मामूली बारिश में टल गया। हालांकि कई क्षेत्रों में सोमवार रात तेज बारिश शुरू हुई थी, लेकिन कुछ देर में ही रुक गई। मंगलवार शाम पांच बजे तक बीते 33 घंटों में रामगढ़ पचवारा में सर्वाधिक 55 एमएम, निर्झरना 47, दौसा 41, बांदीकुई 44, लालसोट 38 एमएम सहित अन्य जगह रिमझिम बारिश हुई।