सभाओं व रोड शो के लिए कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट की डिमांड है। गौरतलब है कि दौसा सीट एसटी आरक्षित है। इसके चलते यहां एससी, गुर्जर-माली व सामान्य मतदाता निर्णायक भूमिका में है। इन वर्गों को रिझाने के लिए कांग्रेस का स्थानीय थिंक टैंक पायलट व गहलोत की 2 से 3 तीन सभाएं कराना चाह रहा है। पायलट तो नामांकन सभा को संबोधित कर भी चुके हैं।
भाजपा खेमे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का क्रेज है। स्थानीय नेताओं का प्रयास है कि तीनों नेताओं की एक-एक सभा हो जाए तो काफी लाभ मिलेगा। अमित शाह तो रविवार को जयपुर में दौसा के करीब दो दर्जन से अधिक नेताओं को बुलाकर फीडबैक भी ले चुके हैं। साथ ही दौसा सीट पर पिछली बार सबसे कम अंतर से जीत हुई थी, इसलिए इस बार पार्टी का पूरा फोकस है।
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इधर, लोकसभा चुनाव का प्रचार अभियान अब शहर व कस्बों से निकल कर गांव- ढाणी तक पहुंच गया है। गांवों में सुबह से रात तक प्रत्याशियों व समर्थकों के पहुंचने का दौर जारी है। प्रत्याशी गांवों में पहुंचकर चौपाल पर अपनी बात रख रहे हैं। यह दौर देर रात तक जारी रहता है। प्रचार अभियान में प्रत्याशी लोगों का ध्यान आकर्षित करने एवं अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए अलग- अलग तरीके अपना रहे हैं। शहरों में प्रत्याशी प्रचार में ढोल का सहारा ले रहे हैं, वहीं गांव व ढाणियों में वाहनों पर लाउड स्पीकर पर पार्टी व उम्मीदवारों के समर्थन में तरानों की गुंज सुनाई पडऩे लगा है। जेसीबी से पुष्प वर्षा का चलन भी बढ़ता जा रहा है।