इसके अलावा अंकित सत्तावन, देवेन्द्र सिंह गुर्जर , मोहन खान को संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया है। हाल ही में संगठन के प्रभारी कन्हैया कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने मिलकर संगठन में काफी बदलाव किए हैं। आठ प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। साथ ही 67 महासचिव, 92 सचिव और 60 संयुक्त सचिव भी तैनात किए गए हैं। दौसा जिले के दस से ज्यादा छात्र नेताओं को संगठन में जगह दी गई है।
निहारका जोरवार इस संगठन में चौंकाने वाला नाम है। जोरवाल हाल ही में विधानसभा उप चुनाव में भी चर्चा में आई थी। दौसा से उनका नाम सामने आया था, हांलाकि बाद में वहां से किसी अन्य को टिकट दे दिया गया। निहारिका इससे पहले राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में भी शामिल हो चुकी हैं। वे एनएसयूआई से टिकट चाह रही थीं, लेकिन पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया तो वे निर्दलीय मैदान में उतर गई थीं और अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा था। हांलाकि उनको हार का सामना करना पड़ा था। हार के बाद उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे जिनमें वे एनएसयूआई और कांग्रेस पार्टी के नेताओं को कोसते हुए और रोते हुए नजर आई थीं।