scriptराजस्थान की इस हॉट सीट पर वेट एंड वॉच कर रही कांग्रेस, BJP ने भी नहीं खोले पत्ते, जानिए टिकट की रेस में कौन है आगे | Congress is waiting and watching on Dausa Lok Sabha seat of Rajasthan, BJP also did not open its cards | Patrika News
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राजस्थान की इस हॉट सीट पर वेट एंड वॉच कर रही कांग्रेस, BJP ने भी नहीं खोले पत्ते, जानिए टिकट की रेस में कौन है आगे

Dausa Lok Sabha Constituency: राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट के लिए भाजपा और कांग्रेस के टिकट में देरी से चर्चाओं का बाजार गर्म है।

दौसाMar 23, 2024 / 01:20 pm

Santosh Trivedi

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Dausa Lok Sabha Constituency: राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट के लिए भाजपा और कांग्रेस के टिकट में देरी से चर्चाओं का बाजार गर्म है। कार्यकर्ताओं को भी प्रत्याशी घोषित होने का इंतजार है। चेहरे तय नहीं होने से राजनीतिक दलों से लेकर प्रशासन तक की रणनीति भी अटक गई है। कांग्रेस ने राजस्थान के टिकटों की गुरुवार को दूसरी सूची जारी की, लेकिन दौसा का नाम नहीं था। जबकि पूर्व में चर्चा थी कि कांग्रेस ने दौसा विधायक मुरारीलाल मीना का नाम फाइनल कर लिया है। इसके चलते मुरारी समर्थकों ने तैयारी भी शुरू कर दी है।


राजनीतिक जानकारों के अनुसार भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दल पहले दूसरे का प्रत्याशी घोषित होने का इंतजार कर रहे हैं। एसटी आरक्षित दौसा सीट पर दोनों ही दलों से करीब एक दर्जन नेता टिकट की दौड़ में हैं। भाजपा से एक महिला चेहरा उतारने की चर्चा तेज है, लेकिन पार्टी का एक धड़ा उसके विरोध में है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व निर्णय नहीं कर पा रहा है। वहीं कांग्रेस के सूत्र बताते हैं अगर भाजपा से डॉ. किरोड़ीलाल मीना या उनके समर्थक नेता को टिकट दिया जाता है तो कांग्रेस नेतृत्व को रणनीति बदलनी पड़ सकती है।


प्रचार के लिए मिलेगा कम समय

टिकट में देरी के चलते प्रत्याशियों को प्रचार के लिए समय कम मिलेगा। दौसा लोकसभा क्षेत्र में 19 अप्रेल को मतदान होना है। दोनों दल एक-दो दिन में भी प्रत्याशी घोषित करते हैं तो करीब 25 दिन ही प्रचार का समय मिल पाएगा। लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं, ऐसे में प्रत्येक गांवों तक पहुंचना भी मुश्किल हो सकता है।


प्रत्याशियों की घोषणा में देरी से प्रशासन के काम भी प्रभावित

प्रत्याशियों को देखकर ही पुलिस-प्रशासन तय कर पाता है कि संवेदनशील बूथ किस क्षेत्र मेें कौनसे तय किए जाएं। अधिकतर जिस क्षेत्र का प्रत्याशी होता है, उस क्षेत्र में विशेष सतर्कता बरती जाती है। इसके अलावा कौनसे जाति-धर्म के लोग प्रत्याशी के कट्टर समर्थक हैं, उन पर नजर रखी जाएगी।

वहीं दुर्बल वर्ग के लोगों के गांवों को छंटनी कर वहां भी अतिरिक्त सुरक्षा दी जाएगी, ताकि मतदान करने में कोई अड़चन पैदा नहीं करे। इनमें से अधिकतम कार्य प्रत्याशियों की तस्वीर साफ होने के बाद ही अधिकारी व उनकी टीम कर पाती है। प्रत्याशियों की घोषणा में देरी से प्रशासन के काम भी प्रभावित हो रहे हैं।

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