टिकट की घोषणा के साथ ही जगमोहन के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। कई जगह पटाखे चलाकर नारे लगाए गए। वहीं अन्य दावेदारों व उनके समर्थकों में मायूसी छा गई। गौरतलब है कि दौसा सीट सामान्य है और पिछले तीन चुनाव से भाजपा शंकरलाल शर्मा पर दाव खेल रही थी। इस बार भी वे टिकट की दौड़ में थे। भाजपा ने इस बार समीकरण बदलते हुए एसटी चेहरे को मैदान में उतारा है।
सूत्रों के अनुसार पार्टी के सामने सर्वे में यह रिपोर्ट आई थी कि कांगे्रस के एससी-एसटी वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए इस बार सामान्य वर्ग से उम्मीदवार नहीं उतारकर दूसरे वर्ग पर दाव लगाया जाए। साथ ही उपचुनाव होने के कारण जिले की किसी अन्य सीट पर भी जातिगत समीकरण प्रभावित होने की आशंका नहीं थी। इसके चलते जगमोहन मीना के नाम पर मुहर लग पाई।
विरोध के स्वर भी उभरे
भाजपा के टिकट की घोषणा के साथ ही अंदरखाने विरोध के स्वर भी उभरने लगे हैं। भाजपा से टिकट मांग रहे दो दावेदारों के तो निर्दलीय फॉर्म भरने की तिथि के पोस्टर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। कुछ अन्य दावेदारों के समर्थक भी खुलेतौर पर नाराजगी जाहिर करते दिखे।
अब कांग्रेस पर नजर
भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा के साथ ही अब जनता की निगाहें कांग्रेस के टिकट पर है। भाजपा ने एसटी वर्ग से बड़ा चेहरा मैदान में उतारकर कांग्रेस को एक बार फिर से रणनीति पर सोचने को मजबूर कर दिया है। वहीं भाजपा से नाम सामने आने के बाद कांग्रेस से टिकट मांग रहे सामान्य, एससी, व ओबीसी वर्ग के दावेदारों की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। गौरतलब है कि गत तीन चुनाव से कांग्रेस दौसा सामान्य सीट से एसटी वर्ग को टिकट देती आ रही थी। इसमें दो बार कामयाबी भी मिली। अब यह फार्मूला भाजपा ने अपना लिया है।