जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की रात को करीब 20 से अधिक नक्सली जोगा पोडियामी के घर पहुंचे। जहां से उसे घर के बाहर लाकर परिवारवालों के सामने ही बेरहमी से हत्या कर दी।
नक्सलियों ने पूर्व जनपद सदस्य पर पुलिस की मदद करने और भाजपा के लिए प्रचार करने का आरोप लगाया है। मृतक जोगा पोडियामी कई वर्षों से कांग्रेस में रहकर कार्य कर रहा था। इन्हीं कार्यों की वजह से वहां की जनता ने उसे जनपद सदस्य भी बनाया था, क्षेत्र में लगातार लोगों को मतदान और अन्य कार्यो के लिए जागरूक कर रहा था। बता दें कि मौजूदा समय में जोगा पोडियामी की पत्नी जनपद सदस्य है।
विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने जोगा को इन सब से दूरी बनाए रखने की बात कही थी, लेकिन इन सबके बाद भी जोगा पोडियामी क्षेत्र के लोगों को मतदान करने के लिए हमेशा से प्रेरित कर रहे थे। जिसके चलते वे नक्सलियों के टारगेट में थे। इसी बौखलाहट के चलते नक्सलियों ने इस वारदात को अंजाम दिया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
10 साल पहले बेटे को जिंदा जलाया था
नक्सलियों ने 10 वर्ष पहले मृतक के बेटे हरीश पोडियामी की भी हत्या की थी। जनदालत में मां और पिता के सामने ही पुत्र को जिंदा जला दिया था। आतंकियों ने हरीश पोडियामी पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया था। वहीं 2018 के विधानसभा चुनाव के समय नक्सलियों ने BJP नेता नंदलाल मुडामी पर हमला किया था, उसी समय जोगा पोडियामी को भी चेतावनी दी थी। बता दें कि गांव में सड़क, पुलिस कैंप और विकास के कामों से नक्सली बौखलाए हुए थे।
तगड़ी सुरक्षा के बीच गांव में ही हुई वोटिंग
पोटली गांव एक समय में नक्सलियों का सबसे सेफ जोन हुआ करता था। धीरे-धीरे पुलिस ने इस इलाके को अपने कब्जे में लेकर कैम्प स्थापित किया। जिसके चलते इलाके में सड़क बनी। नक्सली विधानसभा और लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करते थे। दहशत से पोलिंग बूथ को पहले दूसरे गांव में शिफ्ट कर मतदान कराया जाता था, लेकिन कड़ी सुरक्षा के बीच पिछले चुनाव से ग्रामीण अपने ही गांव में मतदान करने लगे। मतदान को लेकर नक्सलियों में भारी बौखलाहट है।
चार माह में फर्जी केस किए दर्ज
नक्सली कोंटा एरिया कमेटी सचिव मंगड़ू का आरोप है कि पुलिस के द्वारा पिछले चार महीने में निर्दोष ग्रामीणों को फर्जी केस में फंसाया गया है। पिछले चार माह में 55 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने अरेस्ट किया है। जिन पर पुलिस ने फर्जी केस दर्ज किए हैं। इस आरोप के बाद पुलिस फिर से एक्टिव हो गई है। नक्सलियों के मूवमेंट पर भी लगातार नजर रखी जा रही है।
अब तक इतने बीजेपी नेताओं-कार्यकर्ताओं की हत्या
जवानों द्वारा लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रही है। जिसके चलते कांकेर मुठभेड़ में 29 नक्सली ढ़ेर हुए हैं। बात करें बीजेपी नेताओं व कार्यकर्ताओं की हत्या की तो बस्तर संभाग में साल 2023-24 में नक्सलियों ने 8 से ज्यादा को मौत के घाट उतारा है। जिन भाजपाइयों की नक्सलियों ने हत्या कर दी उनमें बीजापुर बीजेपी मंडल प्रमुख नीलकंठ केकम शामिल थे, नक्सलियों ने 5 फरवरी 2023 को उनकी हत्या कर दी थी। इसके अलावा 10 फरवरी 2023 को नारायणपुर जिले में बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष सागर साहू को नक्सलियों ने देर शाम घर में घुसकर गोली मार दी थी। 11 फरवरी 2023 को नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले में बीजेपी के सक्रिय कार्यकर्ता रामधर अलामी की हत्या कर दी। 29 मार्च 2023 को नारायणपुर जिले में बीजेपी नेता रामजी डोडी और 21 जून 2023 को बीजापुर में एसटी मोर्चा के जिला अध्यक्ष अर्जुन काका की हत्या की थी।