scriptगोली की बोली नहीं शिक्षा की अलख भी जगा रहे नक्सल इलाके में तैनात जवान | Naxalite area security personal teaching students in chhattisgarh | Patrika News
दंतेवाड़ा

गोली की बोली नहीं शिक्षा की अलख भी जगा रहे नक्सल इलाके में तैनात जवान

Maoist insurgency: 80 वीं बटालियन के कमांडेंट अमिताभ कुमार ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के दौरान एक कार्यक्रम में जानकारी मिली की स्कूल में शिक्षकों की कमी हैं। वहीं माओवादी दहशत की वजह से यहां या तो यहां शिक्षक आते नहीं आते भी हैं तो दहशत में वे पढ़ा नहीं पाते।

दंतेवाड़ाSep 16, 2019 / 06:02 pm

Karunakant Chaubey

गोली की बोली नहीं शिक्षा की अलख भी जगा रहे नक्सल इलाके में तैनात जवान

गोली की बोली नहीं शिक्षा की अलख भी जगा रहे नक्सल इलाके में तैनात जवान

जगदलपुर. Maoist insurgency: माओवाद प्रभावित इलाकों में से एक कोलेंग में दहशत की वजह से शिक्षक बच्चों को पढ़ाने नहीं आ रहे हैं। ऐसे में अब यहां के बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा 80 बटालियन के जवानों ने उठाया है। अब वे यहां स्कूलों में समय समय पर पहुंचकर शिक्षक की भूमिका निभा रहें हैं और बच्चों को पढ़ा रहे हैं।

देवती महेंद्र कर्मा नहीं रोक पायी अपने आंसू कहा- आप लोगों ने बेटा खोया, मैंने अपना पति

80 वीं बटालियन के कमांडेंट अमिताभ कुमार ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के दौरान एक कार्यक्रम में जानकारी मिली की स्कूल में शिक्षकों की कमी हैं। वहीं माओवादी दहशत की वजह से यहां या तो यहां शिक्षक आते नहीं आते भी हैं तो दहशत में वे पढ़ा नहीं पाते।
ऐसे में स्कूलों में बच्चों को शिक्षा देने के लिए जवानों को तैयार किया गया और अब कोलेंग व आसपास के छात्र-छात्राओं को यही जवान पढ़ा रहे हैं। इतना ही नहीं सीआरपीएफ बटालियन में कई ऐसे जवान है जो विषय विशेषज्ञ हैं जिनको कमांडेंट अमिताभ कुमार खाली वक्त में बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल जाने के निर्देश दिए हैं। यह लगातार पढ़ा भी रहे हैं।

Video: अगर बड़ा नेता बनना है तो एसपी और कलेक्टर का कॉलर पकड़ो- कवासी लखमा

अब शत प्रतिशत रिजल्ट का रखा है लक्ष्य कमांडेंट का कहना है कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों का चुनाव कर पढ़ाने का जिम्मा सौंपा गया है। इसलिए अब उन्होंने आगामी वर्ष में परीक्षा फल भी शत-प्रतिशत होंगे। इतना ही नहीं उनका कहना है कि पुलिस के इसी तरह के प्रयास का नतीजा है कि अब वे शुद्ध पेयजल से लेकर सडक़ निर्माण की मांग मुखर हो कर कर रहे हैं और इसमें जवानों के साथ मिलकर अपनी सहभागिता निभा रहे हैं।

पुलिसिंग से हटकर चल रहे इस काम को देख ग्रामीणों में खुशी की लहर

बस्तर में यह पहली ही बार हो रहा होगा कि पुलिसिंग से हटकर अब जवान छात्रों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। पढ़ाने वाले जवानों की माने तो अब शिक्षा की बात नहीं बल्कि इससे एक कदम आगे गुणवत्ता की बाच कर रहे हैं। सीआरपीएफ के यह जवान कक्षा नवमी और कक्षा दसवीं के छात्र छात्राओं को पढ़ाना शुरू किया है।

अपने बनाये बूबी ट्रैप में खुद ही फंस गया नक्सली, उसे छोड़ भाग गए उसके साथी

जवानों के इस कार्य को देखते हुये गांव वाले भी काफी खुश हैं। जवानों के द्वारा पढ़ाए जाने से छात्र-छात्राओं का मनोबल भी बढ़ेगा। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि अब फिर से उनमें बच्चों को अच्छा और बड़ा इंसान बनाने का सपना फिर से पूरा होता नजर आ रहा है।

Hindi News / Dantewada / गोली की बोली नहीं शिक्षा की अलख भी जगा रहे नक्सल इलाके में तैनात जवान

ट्रेंडिंग वीडियो