इसके पहले 17 सितम्बर को हुई पहली बैठक में टेम्पल एस्टेट कमेटी के सदस्यों ने शारदीय नवरात्र पर्व के दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित करने का फैसला सर्व सम्मति से लिया था। लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था और मंदिर खोलने की मांग को देखते हुए इस फैसले पर पुनर्विचार करने विशेष बैठक बुलाई गई थी। पूर्व के इस फैसले को सर्व सम्मति से बदलते यह निर्णय लिया गया कि शारदीय नवरात्र पर्व के दौरान माईजी मंदिर में प्रवेश जारी रहेगा।
कोविड प्रोटोकॉल व सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए श्रद्धालुओं के लिए दर्शन सुविधा उपलब्ध रहेगी। मन्दिर परिसर में प्रवेश से पहले कोरोना जांच करवाना अनिवार्य होगा। 72 घंटे के भीतर करवाये गए आरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट नेगेटिव होने का प्रमाण पेश करने पर इस जांच से छूट मिलेगी। साथ ही कोविड वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुके व्यक्ति ही मन्दिर परिसर में प्रवेश कर सकेंगे।
हाईकोर्ट ने दी अनुमति, बम्लेश्वरी मंदिर का रोपवे शुरू
आखिरकार मां बम्लेश्वरी मंदिर पहाड़ पर स्थित रोपवे का फिर से संचालन शुरू हो गया है। 17 फरवरी 2021 में हुए हादसे के बाद से मां बम्लेश्वरी ट्रस्ट के विपक्षी ट्रस्टियों महेन्द्र परिहार व अन्य मामले को बिलासपुर हाईकोर्ट ले गए थे। न्यायालय द्वारा रोप वे के संचालन पर स्थगन प्रदान किया गया।
कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद बुधवार से फिर से रोपवे का संचालन शुरू हो गया है। रोपवे के शुरू होने से दर्शनार्थियों को राहत मिली है। ट्रस्ट के पदाधिकारियों की तरफ़ से अधिवक्ता अनूप मजूमदार के द्वारा बताया गया कि कोलकाता की कंपनी द्वारा इसका निर्माण किया गया था,लेकिन हादसे के समय से ही कंपनी ने रोपवे का रखरखाव बन्द कर दिया था।