Leopard Skin Smuggling: तेंदुए की खाल की तस्करी का दूसरा मामला
पिछले 8 महीनों में तेंदुए की खाल की
तस्करी का यह दूसरा मामला है। इससे पहले भी एक आरोपी महाराष्ट्र-तेलंगाना सीमा पर पकड़ा गया था, लेकिन उसकी पहचान अभी तक स्पष्ट नहीं हो सकी है। जानकारी के मुताबिक सूचना के आधार पर एएसपी एटूनागारम शिवम उपाध्याय और उनकी टीम दोपहर करीब दो बजे वाहन जांच कर रहे थे तभी मोटरसाइकिल पर सवार एक व्यक्ति को रोका।
जब उसके बैग की तलाशी ली गई, तो उसमें तेंदुए की खाल बरामद हुई। तत्काल इसे जप्त कर गिरतार व्यक्ति से पूछताछ की गई तो उसने स्वीकार किया कि वह छत्तीसगढ़ से तेंदुए की खाल लेकर तेलंगाना में बेचने जा रहा था।
भविष्य की चिंता
जिले में तस्करी की गतिविधियों पर चिंता जताई जा रही है। क्या तस्करों को छूट मिली हुई है या फिर वन विभाग अपनी जिमेदारी से भाग रहा है? पिछले साल रुद्रारम में बाघ की खाल के साथ आरोपी पकड़े गए थे, और अब एक साल में दूसरी बार तेंदुए की खाल के साथ बीजापुर का आरोपी पकड़ा गया है।अगर प्रशासन ने तात्कालिक कदम नहीं उठाए, तो वन्य जीवों की सुरक्षा और भी गंभीर संकट में पड़ सकती है।
तस्करी की नई-नई खबरें
Leopard Skin Smuggling: जिले में तस्करी आम बात हो चुकी हैं जहां आए दिन तस्करी की नई-नई खबरें सामने आती हैं। वन विभाग की उदासीनता के कारण वन्य जीव और लकड़ी दोनों ही असुरक्षित हो चुके हैं। बड़े पैमाने में तस्करी को अंजाम दिया जा रहा हैं लेकिन इस बात की जरा सी भी विभाग को खबर नहीं हैं या उन्हें छूट मिली हुई हैं। यह कहना इसलिए लाजिम हैं कि
बीजापुर के तस्करी के बड़े मामले तेलंगाना में पकडे जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक इन दिनों अंतरराज्य तस्कर सक्रिय हो चुके हैं उनकी नजर बेस कीमती सगौन, और वन्य जीव पर है।
रेंजर, देवनंदन तिवारी ने पत्रिका को बताया कि तेंदुए की खाल का मामला हमारे क्षेत्र का नहीं है, लेकिन हमने सूचना प्राप्त की है कि खाल पकड़ी गई है। आरोपी पटनम का है और जांच के लिए दो दिन लगेगा।जांच होगी तो वहां से टीम आएगी, अभी कुछ नहीं बताया जा सकता जांच चल रही हैं।