दिलेश्वरी अपने मकान को लॉक करके बैंक गई हुई थी। तभी यह घटना घटी। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो जब उन्होंने देखा की घर के पीछे के हिस्से से धुआं लगातार निकल रहा है और अंदर में आग झुलस रही है तब घर को कमरे में आग लगने का अंदेशा हुआ।
तत्काल आसपास के पड़ोसियों ने दिलेश्वरी ठाकुर को फोन लगाकर बताया कि आपके घर में आग लगी है। इसी बीच पड़ोसियों ने मिलकर आग बुझाने में कुछ हद तक सफलता प्राप्त की पर अंदर रखे बच्चों के कपड़े, उनके सर्टिफिकेट, मार्कशीट कमरे में रखे दो अलमारी, राशन सामग्री, घरेलू सामग्री सभी जलकर पूरी तरह खाक हो चुके थे।