CG News: विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद
गौरतलब है कि 2021 से नियमित कर्मचारियों का वेतन समझौता लंबित है, जबकि अप्रैल 2024 से ठेका श्रमिकों के वेतन समझौते पर भी कोई प्रगति नहीं हुई है। इसके अलावा,
एनएमडीसी की विभिन्न परियोजनाओं में लगभग 1,200 रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया भी अधर में लटकी हुई है। इस स्थिति से बचेली सहित एनएमडीसी के सभी प्रोजेक्ट्स में कार्यरत कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों में भारी असंतोष है।
मजदूर संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर 14 दिनों के भीतर ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो उन्हें उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इसी संदर्भ में, 13 जनवरी को इंटक और एटक ने एनएमडीसी प्रबंधन को हड़ताल का नोटिस सौंपा। ज्ञापन सौंपने के दौरान बड़ी संया में नियमित और ठेका श्रमिकों ने भाग लिया और श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की।
आगे भी आंदोलन जारी रहेगा
मजदूर संगठनों ने स्पष्ट किया है कि मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ उनका आंदोलन पहले भी जारी रहा है और आगे भी रहेगा। यह रैली मजदूरों के अधिकारों के लिए एकजुटता और संघर्ष का प्रतीक है। वेतन समझौते में विलंब
इंटक और एटक के नेताओं का कहना है कि वेतन समझौते में अब तक का यह सबसे लंबा विलंब है। तीन वर्षों से लंबित इस मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रबंधन और यूनियन के बीच अब तक 8 बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में 15% वेतन वृद्धि पर सहमति बनी थी, और प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए इस्पात मंत्रालय भेजा गया था। लेकिन, आज तक मंत्रालय की ओर से कोई स्वीकृति नहीं मिली है।
पिछले साल 15 नवंबर को यूनियन प्रतिनिधिमंडल ने
इस्पात सचिव से मुलाकात कर मांगों को उनके समक्ष रखा था। हालांकि, इसके बावजूद आज तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, जिससे मजदूर संगठनों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है।
सरकार का यह रवैया बेहद चिंताजनक
CG News: सचिव इंटक, आशीष यादव: एनएमडीसी एक नवरत्न कंपनी है, और हम लंबे समय से मजदूरों के हित में कार्य कर रहे हैं। यह पहली बार है जब मजदूरों को उनके वाजिब हक के लिए इस हद तक परेशान किया जा रहा है। यह अस्वीकार्य है। अध्यक्ष एटक, जागेश्वर प्रसाद: हम उच्च गुणवत्ता वाले लौह अयस्क का उत्खनन कर देश के विकास में अपनी शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं। इसके बावजूद प्रबंधन और सरकार का यह रवैया बेहद चिंताजनक है।