उन्होंने कहा कि यदि चुनावी प्रक्रिया में यह सब चलेगा तो मुझे लगता है कि केंद्र और चुनाव आयोग को लिखना पड़ेगा। हमे बताना पड़ेगा कि कैसे कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोगों ने शिकायत की है। पर्यवेक्षक के संज्ञान में पूरा मामला लाया है।
देखते हैं इन शिकायतों पर आगे क्या कार्यवाही होगी दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री की नाराजगी नामांकन को लेकर दिए गए वक्त को बार-बार बदलने को लेकर थी। तीखे अंदाज में डाक्टर रमन सिंह ने कहा कि पहले बीजेपी उम्मीदवार के नामांकन के लिए 12 से 1 बजे तक का वक्त दिया गया था।
बाद में इसे बढ़ाकर 2 से 3 बजे तक का किया गया। इसके बाद फिर वक्त बढ़ाकर 4 बजे कर दिया गया। लेकिन कांग्रेस को तीन बार उनकी मर्जी के मुताबिक समय दिया गया। पर्यवेक्षक क्या देख रहे हैं यह समझ के परे हैं। कलक्टर की इसमें क्या भूमिका है यह समझ नहीं आ रहा है।
भाजपा जो काम 15 साल में नहीं कर सकी, उसे कांग्रेस ने सिर्फ आठ महीने में कर दिखाया
मंदिर परिसर में झंडे लगाना आचार संहिता का खुला उल्लंघन : डाक्टर रमन सिंह ने कहा कि दंतेवाड़ा मंदिर परिसर का राजनीतिक इस्तेमाल कभी नहीं किया गया था। बीते 15 सालों में इस मंदिर का उपयोग हमने केवल दर्शन के लिए ही किया था। लेकिन आज यहां नारे लग रहे हैं। परिसर में झंडे लगाए जा रहे हैं। यह आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 सालों तक बीजेपी की सरकार ने दंतेवाड़ा का विकास किया। दंतेवाड़ा का नया स्वरूप एजुकेशन हब बनकर तैयार हुआ।
लाइवलीहुड कालेज बनकर तैयार किया। प्रयास और उड़ान के माध्यम से यहां के बच्चों के लिए मेडिकल कालेज, इंजीनियरिंग कालेज जाने का रास्ता खुला। यहां के हास्पीटल में तीस से ज्यादा पद सृजित किए गए। यहां सर्जरी सपना था लेकिन बीजेपी सरकार के दौरान बेहतर ओपीडी बनाया गया। ऐसा डेवलपमेंट का काम किया कि इसे देखने प्रधानमंत्री तक यहां आए।
लेकिन पिछले नौ महीने में जब से भूपेश बघेल की सरकार आई है बीपीओ बंद हो गए हैं। लाइवलीहुड के जितने काम थे वह सब बंद हो गए। महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलते थे वह बंद हो गए। एक प्रकार से विकास के काम जो चल रहे थे वह सब बंद हैं। सड़क, पुल-पुलिए का निर्माण यह सब बंद कर दिया गया है। इससे एक प्रकार से माओवादियों को आश्रय मिला हुआ है।
कलक्टर बोले 23 तक हर रोज नए-नए आरोप लगेंगे
इस मामले में दंतेवाड़ा कलक्टर टोपेश्वर वर्मा ने कहा कि इस मामले की शिकायत यदि आएगी तो जांच कराकर रिपोर्ट दे देंगे। मंदिर प्रांगण जरूर प्रापर्टी ट्रस्ट की है। लेकिन वहां हर तरीके के सार्वजनिक कार्यक्रम होते हैं। एसडीएम ने सभी जगह सहमति लेकर ही अनुमति दी है।
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जो धार्मिक स्थल की परिभाषा है वह इसमें नहीं आती। मंदिर के भीतर की दुकानों ने अपनी जगह पर झंडे लगाए हैं तो उन लोगों को नियमों के मुताबिक काम करना चाहिए। इस पर अलग से कार्रवाई की जाएगी। कलक्टर वर्मा ने कहा कि अभी 23 तारीख तक हर रोज नए-नए आरोप प्रत्यारोप लगेंगे। विपक्ष वाले हमेशा ऐसा आरोप लगाते हैं।