दमोह में सीएमओ प्रदीप शर्मा ने कर्मचारियों के लिए एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि कर्मचारियों को दो दिनों का अतिरिक्त अवकाश स्वीकृत किया जाएगा लेकिन इसके लिए उन्हें आठ सप्ताह तक 2-2 घंटे श्रमदान करना होगा। इससे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।
यह भी पढ़ें: एमपी में बंद हो गईं बसें, कई जिलों में आवागमन ठप, जानिए कब तक थमे रहेंगे पहिए दरअसल, कर्मचारियों ने हड़ताल के दो दिनों को अवकाश के रूप में एडजस्ट करने की मांग की थी। बीते माह कर्मचारी पीआइसी के एक प्रस्ताव के विरोध में सामूहिक हड़ताल पर चले गए थे। अब जब कर्मचारियों के सैलरी प्रतिवेदन को आगे बढ़ाने की बात आई तो कर्मचारियों ने सीएल, ईएल लगाने के आवेदन दिए, लेकिन सीएमओ ने इन्हें नहीं माना।
सीएमओ ने कर्मचारी संघ के अध्यक्ष, महामंत्री के नाम पर जारी पत्र में साफ लिखा कि 2 दिन तक जनसेवा में कटौती हुई है। ऐसे में सभी 550 कर्मचारी हर रविवार को होने वाले श्रमदान कार्यक्रम में 2-2 घंटे श्रमदान करें। इस तरह 8 सप्ताह काम करने से 16 घंटे काम हो जाएगा। ऐसा करने पर उनके दो दिनों के अवकाश के संबंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
पत्र जारी होते ही कर्मचारियों ने विरोध जताया। कर्मचारी नेता प्रभात ने बताया कि हड़ताल के दो दिवस को सीएल में बदलने के लिए सामूहिक रूप से आवेदन दिया गया था। इसके विरुद्ध सीएमओ ने तुगलकी फरमान जारी किया है। हम श्रमदान का विरोध नहीं करते, लेकिन अवकाश के 16 घंटों को ऐसे एडजस्ट करेंगे, इस प्रकार का पत्र जारी करना कर्मचारियों के विरुद्ध उनके व्यवहार प्रदर्शित करता है। इस संबंध में बैठक कर निर्णय लेंगे।
इधर दमोह नगर पालिका के सीएमओ प्रदीप शर्मा का कहना है कि स्वच्छता सर्वेक्षण का समय चल रहा है। कलेक्टर हर रविवार को श्रमदान कर रहे हैं, मैं भी करता हूं। ऐसे में यदि हमारे सभी कर्मचारियों से संघ श्रमदान करने का आव्हान करता है तो इससे रिजल्ट और अच्छे आएंगे। हड़ताल के 2 दिन को समायोजित करने के लिए इससे अच्छा ऑप्शन क्या हो सकता है। मैंने इसका ही आग्रह संघ के पदाधिकारियों से किया है।