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दमोह

रेल के डिब्बे की तरह बन रहे हैं आवास

तय डिजाइनों की हो रही है अनदेखी

दमोहAug 23, 2018 / 11:51 am

Rajesh Kumar Pandey

Houses are made like a railway compartment

Houses are made like a railway compartment

दमोह. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कच्चे घरवालों को पक्के मकान बनाने के लिए ढाई लाख रुपए की राशि दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब योजना का शुभारंभ किया था, तब इस बात का जिक्र किया था कि बनाए जा रहे आवास रेल के डिब्बे की तरह न बनाए जाएं। इसके लिए डिजाइन भी तैयार की गईं थीं, जिन्हें इंजीनियरों व आर्किटेक्ट द्वारा एपू्रव कराया गया है।
दमोह नगर पालिका परिषद क्षेत्र में ढाई लाख रुपए दिए जा रहे हैं। जिसमें तय डिजाइन के अनुसार दो कमरे, किचिन व शौचालय अटैच बाथरूम निर्माण अनिवार्य किया गया है। इसमें एक छोटा सा बरामदा निकलाने का प्रावधान है। इस स्कीम के तहत जमीन 450 वर्ग फुट निर्धारित की गई है। दमोह में बन रहे आवासों में डिजाइन को पूरी तरह नजर अंदाज किया जा रहा है। इन आवासों में शौचालय व किचिन व बरामदा को नजरअंदाज करते हुए सीधे-सीधे दो कमरे बनाए जा रहे हैं। नगर पालिका क्षेत्र में इस योजना का लाभ पट्टे धारियों को दिया जा रहा है, जो इस कैटेगरी में नहीं आते हैं। क्योंकि शासन के प्रावधान के अनुसार 330 फुट का पट्टा ही दिया जाता है, जबकि इस योजना के लिए तय भूमि 450 फुट का प्रावधान रखा गया है। अनेक बस्तियों जहां पर लोगों ने पहले कब्जे किए फिर शासन के पट्टे ले लिए हैं, उन्हें भी सुविधा का लाभ दे दिया गया है।
मध्यप्रदेश की दमोह नगर पालिका में जहां ढाई लाख रुपए दिए जा रहे हैं, वहीं उत्तरप्रदेश में शहरी आवास के लिए दो लाख रुपए दिए जा रहे हैं, लेकिन वहां पर एपू्रव डिजाइन के अनुसार सुंदर दो कमरों, शौचालय अटैच बाथरूम के मकान बन रहे हैं। दमोह नगर पालिका क्षेत्र में जितने भी आवास बनाए जा रहे हैं। वह सीधे-सीधे लंबे या चौकोर ही बन रहे हैं। जिनका सेफ रेल की डिब्बे की तरह ही बाहर से नजर आ रहा है। इस तरह के निर्माण से दमोह नगर पालिका परिषद क्षेत्र में प्रधानमंत्री की मंशानुरूप एक भी आवास नहीं बन रहा है।
हितग्राहियों के अनुसार आवास निर्माण के लिए राशि मिलने के बाद वे स्वयं ही आवास बना रहे हैं, उन्हें नगर पालिका के इंजीनियरों द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई है और न ही इसकी कोई डिजाइन बताई गई है। कुछ हितग्राही जो केवल दो कमरें बना रहे हैं, उनका कहना है कि उन्हें बताया गया है कि शौचालयों के लिए उन्हें अलग से राशि दी जाएगी। वहीं कुछ हितग्राही नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि निर्माण सामग्री व अन्य समस्याओं के चलते उनके आवास निर्माण ठेके पर कराए जा रहे हैं। लोग कहते हैं कि वह जैसी स्थिति में कच्चे मकानों में रह रहे थे कमसे कम पक्के मकान हो गए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के बीएलसी आवास निर्माण में मुख्यत: शर्त शौचालय की रखी गई है, यदि कोई हितग्राही शौचालय नहीं बनाता है और वह आवास कंपलीट कर रहना शुरू करता है तो उसको मिली राशि वापस करनी पड़ेगी। लेकिन दमोह में बन रहे आवासों में इस मुख्य शर्त को भी नजर अंदाज किया जा रहा है।
इस संबंध में नगर पालिका के अधिकारी कहते हैं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत डिजाइन दी गई हैं, लेकिन उसमें आखिरी में एक लाइन है कि जमीन की स्थिति के अनुसार भी आवास निर्माण किया जा सकता है। शौचालय की अनिवार्यता सभी आवासों में है जिसका ख्याल रखा जा रहा है।

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