गुलदस्ता नहीं कॉपी, किताबें और स्टेशनरी की सामग्री लेकर आएं
गुलदस्ता नहीं कॉपी, किताबें और स्टेशनरी की सामग्री लेकर आएं
गुलदस्ता नहीं कॉपी, किताबें और स्टेशनरी की सामग्री लेकर आएं
नवाचार: कलेक्टर ने मिलने वालों से किया आग्रह, बोले इससे जरूरतमंद गरीब बच्चों के बीच बांटी जा सकेगी सामग्री
दमोह. नवाचार के लिए चर्चित दमोह कलेक्टर ने फिर से एक अपील लोगों से कर दी है। इस बार उन्होंने लोगों से यह कह दिया है कि उनसे मिलने आ रहे हैं तो गुलदस्ता, शॉल, स्मृति चिन्ह, श्रीफल न ही लाएं। कुछ लाना ही चाहते हैं तो कॉपी, किताबें और स्टेशनरी की अन्य सामग्री लेकर आएं, जिससे उसका उपयोग बच्चों के बीच हो सके।
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने जिले के नागरिकों से कहा है मुझसे मिलने के लिए कई बार लोग आते है, तो तीन तरह की सौजन्य भेंट, सामग्री ज्यादा लाते है। पहला बुके या फिर माला, दूसरा है शॉल, श्रीफल या फिर कोई स्मृति चिन्ह, ऐसी चीजें लोग सामान्य रूप ले करके आते है। तो हमने यह सोचा था कि कई बच्चे ऐसे हैं, जो दूरस्थ अंचलों में पढ़ते हैं, निर्धन परिवारों के बच्चे हैं। उनको पढ़ाई के लिए सामग्री नहीं मिल पाती है। इसलिए सभी से आग्रह है कि जब भी यदि आप मुझसे मिलने के लिए आते हैं तो इस तरह की कोई ची•ा बुके, शॉल, श्रीफल या कोई स्मृति चिन्ह बिल्कुल न लाएं। इसके स्थान पर यदि आप लाना ही चाहते हैं यदि आप कोई चिन्ह देना ही चाहते हैं तो फिर कॉपी, किताबें, पेंसिल, रबर, शॉर्पनर, पेन, ड्राइंग बुक, ड्राइंग के स्केच पेन इस तरह की चीजें बच्चों के लिए लेकर के आएं, जिससे हम इनको जरूरतमंद गरीब बच्चों के बीच में बांट सके और उनका भी अच्छे से पढ़ाई करने का सपना साकार हो सके।
पढ़ाई सबसे ज्यादा जरूरी
कलेक्टर ने कहा अभी मेरे पास डेली बेसिस पर लोग यह सामग्रियां ले करके आ रहे हैं, उनको बहुत आभार मानता हूं। अभी कल हमने लकलका गांव में ऐसी सामग्री का वितरण किया था, उससे पहले लुहर्रा गांव में वितरण किया था और इसके अलावा जो बच्चे जनसुनवाई में मेरे सामने आते हैं। उनको हमने वितरण किया, तो लगातार इसको उस जरूरतमंद बच्चे तक पहुंचाते रहेंगे। जिनको इन सभी चीजों की पढ़ाई के लिए सबसे ज्यादा जरूरत है।
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