गुरुवार को, जब पुलिसकर्मी बिकरू गांव में एनकाउंटर में मारे गए अमर की जानकारी देने पहुंचे, उन्हें पता चला कि उसका पिता अभी भी जिंदा है। खबरी पुलिस को संजीव के ठिकाने ले गया, जहां वह लगभग एक दशक से गुमनामी की जिंदगी जी रहा था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि संजीव जब अपने बेटे की मौत की खबर सुनकर अपने ठिकाने से बाहर आया तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान, उसने बताया कि वह एक दुर्घटना में बाल-बाल बच गया था, लेकिन उसने अपना पैर खो दिया।
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संजीव के उपर हत्या की कोशिश, उगाही और लूट समेत 12 मामले चौबेपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज हैं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह सात वर्ष पहले एक सड़क दुर्घटना के बाद अंडरग्राउंड हो गया था और परिवार वालों से यह खबर फैलाने के लिए कहा था कि वह मर गया है, ताकि उसके विरुद्ध चल रहे सारे आपराधिक मामले बंद हो जाएं।
आपको बता दें कि एसटीएफ अधिकारियों के साथ शुक्रवार सुबह कथित मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल होने के बाद गैंगस्टर विकास दुबे ने दम तोड़ दिया। कथित तौर एक सड़क दुर्घटना के दौरान जब उसका वाहन पलट गया तो उसने भागने की कोशिश की, इसी दौरान उसने पुलिस पर गोली चला दी। एनकाउंटर में पुलिस की गोली से वह बुरी तरह से घायल हो गया और अस्पताल ले जाने पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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दरअसल दुबे को खून से लथपथ हालत में हैलट अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में ले जाया गया था। एसएसपी कानपुर दिनेश कुमार ने कहा कि डॉक्टरों ने विकास दुबे की मौत की पुष्टि की है।
जैसे ही मीडियाकर्मी अस्पताल में एकत्र होने लगे, अस्पताल के गेट बंद कर दिए गए और एसटीएफ अधिकारियों ने घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, काफिला जैसे ही कानपुर के बर्रा पुलिस क्षेत्र में पहुंचा, वहां भारी बारिश के कारण सड़क पर वाहन स्किडिंग के बाद पलट गया। पुलिस के अनुसार इसी वाहन में विकास बैठा था।
इस हादसे में विकास सहित वाहन में सवार दो अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
घटना के बाद पलटे वाहन से जैसे ही विकास को बाहर निकाला गया, उसने कथित रूप से एसटीएफ टीम से पिस्तौल छीन ली और पुलिस पर गोली चलाने की कोशिश की। जवाबी गोलीबारी में वह बुरी तरह घायल हो गया।
विकास को सीने पर गोली लगी, जिससे वह बेहोश हो गया।
इस मुठभेड़ में दो एसटीएफ पुलिस कर्मी भी घायल हो गए।
एसटीएफ के अधिकारियों ने हादसे को स्वीकार किया, लेकिन गैंगस्टर को लगी चोटों के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।