आतंकी के लिए पढ़ना चाहते थे नमाज शोपियां और कुपवाड़ा कस्बों में कई लोग पीएचडी कर आतंकवादी बनने वाले मन्नान बशीर वानी की नमाजे जनाजा पढ़ने के लिए इकट्ठे हुए थे। उसके जनाजे के साथ कुछ लोग पाकिस्तान का झंड़ा लेकर चल रहे थे और देश विरोधी नारे भी लगा रहे थे। वानी गुरुवार को मुठभेड़ में मारा गया था। नागरिकों ने इन दोनों शहरों में विरोध प्रदर्शन किया। भीड़ को हटाने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैस और डंडों का इस्तेमाल करना पड़ा। मस्जिद में शुक्रवार की नमाज पढ़ने वाले मीरवाइज उमर फारूक ने कहा कि कि यह घटना कश्मीर में भारतीय दमन का एक और उदाहरण है।
आतंकियों के समर्थकों को गृहमंत्री की फटकार, निर्दोष की जान लेने वालों के लिए कौन का मानवाधिकार महबूबा ने मन्नान के मारे जाने पर जताया शोक आतंकी के मारे जाने पर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भारत को पाकिस्तान से बात करने की वकालत की। उन्होंने गुरुवार को कहा कि एक पीएचडी छात्र द्वारा जिंदगी पर मौत को चुनने से एक कड़ा संदेश सामने आया है कि जब तक बातचीत शुरू नहीं होगी तब तक स्थानीय युवक मरते रहेंगे। मुठभेड़ में मन्नान बशीर वानी के मारे जाने पर टिप्पणी करते हुए महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्विटर पेज पर कहा कि आज एक पीएचडी छात्र ने जिंदगी पर मौत को चुना और वह एक मुठभेड़ में मारा गया। उसकी मौत हमारी हार है क्योंकि हम प्रत्येक दिन युवा शिक्षित लड़कों को खो रहे हैं।
पीएचड़ी का छात्रा था मारा गया आतंकी मन्नान मन्नान बशीर वानी हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर था, जो गुरुवार को कुपवाड़ा जिले में अपने सहयोगी के साथ एक मुठभेड़ में मारा गया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का पीएचडी छात्र वानी इस साल जनवरी में आतंकी बना था। वह कुपवाड़ा जिले के लोलाब इलाके से ताल्लुक रखता था और उसकी मौत इसी जिले के शतगुंद गांव में उसके सहयोगी के साथ मुठभेड़ में हुई। वानी की मौत पर अलगाववादियों ने घाटी में शुक्रवार को बंद का ऐलान किया था।