सजा काटने के बाद भी जेल में है सुनील
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने शर्मा द्वारा दाखिल रिहाई की याचिका को मंजूर कर लिया। सजा समीक्षा बोर्ड ने शर्मा की समयपूर्व रिहाई की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि वह अपनी पत्नी की क्रूर हत्या के लिए दोषी है। शर्मा के वकील अमित साहनी ने कोर्ट को बताया कि शर्मा 1995 से जेल में बंद है और वह अपनी अधिकतम निर्धारित सजा को पहले ही पूरा कर चुका है।
कैसे पकड़ा गया तंदूर कांड का दोषी
2 जुलाई 1995 को सुशील शर्मा ने अपनी पत्नी नैना की अवैध संबंधों के शक में हत्या कर दी थी। शर्मा ने उसे गोली मारी थी और उसके शव के टुकड़े कर एक रेस्तरां के तंदूर में जलाने की कोशिश की थी। उसने लाश को जल्दी से जलाने के लिए रेस्टोरेंट में रखे मक्खन का भी इस्तेमाल किया था।, मक्खन के इस्तेमाल से तंदूर से लपटें उठने लगीं और आसपास को लोगों को शक हुआ का आग लग गई है। मौके पर आसपास के लोग पहुंचे तो मामले का खुलासा हो गया। इस मामले में शर्मा को पहले फांसी की सजा हुई थी जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया। ये मामला तंदूर कांड के नाम से सुर्खियों में आया था। शर्मा इस मामले में 28 सालों से जेल में बंद था