बुधवार सुबह पड़ोसियों को जानकारी मिलने पर पुलिस को सूचना दी।
बाड़मेर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मृतक के शव को कब्जे में लेकर सीएचसी की मोर्चरी में रखवाया। घटना की सूचना के बाद मृतक के परिजनों के साथ समाजबंधु व ग्रामीणों का मोर्चरी के बाहर जमावड़ा शुरू हुआ। परिजनों ने आरोप लगाया कि मृतक उगमसिंह ने निजी फाइनेंस करने वालों से ब्याज पर राशि ली थी।
ये रखी मांग
वसूली के लिए फाइनेंस करने वाले लोगों के साथ मंगलवार दोपहर को बोलचाल हुई थी, जिस पर उसने आत्महत्या कर ली। परिजनों ने फाइनेंस की राशि वसूलने वाले व्यक्तियों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज करने के साथ ही उनकी गिरफ्तारी के बाद ही शव का पोस्टमार्टम करवाने की मांग रखी।
दर्ज करवाया मामला
मृतक के भाई जगमालसिह पुत्र सरुपसिह निवासी शिव ने मामले में बताया कि उसके भाई उगमसिंह की गडरा चौराहे पर लोह वेल्डिंग की दुकान थी। उसके भाई को बहकावे में लेकर बिना जरूरत के प्रलोभन, लालच देकर फाइनेंशियल खेतसिह राठौड़, कैलाशसिह भाटी मोढ़ा तथा रोहिताश सिंह राठौड़ ने सस्ती ब्याज दर पर ऋण दिया।
परेशान करने का आरोप
उसके बाद वे लगातार पन्द्रह दिनों से उसकी दुकान पर जाकर ऋण वापस मय भारी भरकम ब्याज की राशि के मांग रहे थे। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि फाइनेंशियल ने 23 दिसंबर को उसकी दुकान पहुंचकर राशि जमा नहीं करवाने पर दुकान छीन लेने, परिवार की जमीन पर जबरन कब्जा करने, मोटसाइकिल, स्त्रीधन छीन लेने की धमकी दी।
पुलिस उपाधीक्षक पहुंचे धरना स्थल पर
घटना की सूचना के बाद वृत्ताधिकारी मानाराम गर्ग व थानाधिकारी दिनेश लखावत ने मृतक के परिजनों के साथ ही प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करते हुए मामले की निष्पक्ष जांच के साथ ही आरोपियों को जल्दी गिरफ्तार कर विधि अनुसार कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस पर सहमति बनने पर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सुपुर्द किया।