याचिका में कहा- मैं आदतन अपराधी नहीं
मनु शर्मा की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि वह आदतन अपराधी नहीं है और उसने जेसिका की हत्या गुस्से में की थी। उसने माता-पिता के उम्र की दलील देते हुए कहा कि उसके माता-पिता उम्रदराज हो चुके हैं। पारिवारिक जिम्मेदारी के लिए उसे घर जाना है। गौरतलब है कि मनु शर्मा अब तक तकरीबन 14 साल की सजा जेल में काट चुका है। इस दौरान उसे 19 बार फर्लो और 9 बार पैरोल मिल चुकी है।
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगी राय
जस्टिस नजमी वजीरी ने याचिका का निपटारा करते हुए मनु शर्मा को एसआरबी के समक्ष अपना आवेदन देने की छूट दी। दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट से कि एसआरबी तिमाही आधार पर समय पूर्व रिहाई पर सुनवाई करता है और इसकी अगली बैठक मार्च में होगी। उन्होंने कोर्ट को आश्वस्त किया कि शर्मा की याचिका पर अगली बैठक में सुनवाई होगी। एसआरबी ने 4 अक्टूबर 2018 को मनु शर्मा की याचिका को खारिज करने की अनुशंसा की थी। एसआरबी एक वैधानिक निकाय है, जिसमें दिल्ली के गृहमंत्री, कानून सचिव और गृह सचिव समेत अन्य सदस्य होते हैं।
1999 में हुई थी जेसिका लाल की हत्या
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता रहे विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा को 1999 में जेसिका लाल की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। निचली अदालत ने उसे बरी कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उसे दोषी ठहराया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2010 में उसकी आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी थी।