ललित का आदेश मानता था पूरा परिवार मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, आत्महत्या के इस सनसनीखेज मामले में असली मास्टरमाइंड की भूमिका में ललित पर ही शक जा रहा है। इसके अलावा मोक्ष अनुष्ठान की इस क्रिया में मास्टरमाइंड ललित के अलावा उसकी पत्नी टीना सहयोगी की भूमिका में थी। बताया जा रहा है कि परिजनों में ललित का बेहद खौफ था। ललित जब परिजनों से कहता था कि उसके अंदर पिता की आत्मा प्रवेश कर गई है, तो उसकी आवाज और शरीर कांपने लगते थे। यह देखकर घर के लोग न केवल डर जाते, बल्कि उसकी सारी बातें मानते थे। इस दौरान वह अपनी हर इच्छा मनवाता था। खौफ के चलते परिवार के सदस्य विचार शून्य हो जाते थे।
‘हिटलर बन गया था ललित’ ऐसा कहा जा रहा है कि हिटलरशाही के चलते ही ललित ने तरक्की के बहाने पूजा-अनुष्ठान करने की बात की थी। इसके लिए पूरे परिवार को राजी किया गया। ललित ने दावा किया कि फंदे पर लटकते समय ऐन मौके पर उसके पिता आकर उन्हें बचा लेंगे, जिन्हें वह सपने और कुछ क्रियाओं के दौरान देखता था। घर से मिले रजिस्टर, डायरी और नोट्स से पता चला है कि भाटिया परिवार को पिछले 11 सालों के दौरान मिले आनंद व खुशी के लिए शुक्रिया अदा करने के लिए परिवार ने अनुष्ठान किया था। इतना ही नहीं ललित अपने पिता की आवाज में पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान, परिवार के लोगों की दिनचर्या और सजा संबंधी निर्देश देता था। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उसकी बातें नहीं मानने की स्थिति में वह परिवार के सदस्यों के लिए सजा तय करता था। सजा पाने वालों में उसकी बुजुर्ग मां भी शामिल होती थी। ललित ने जो बोला वह लिखना ही होता था। न सुनने पर वह गुस्सा हो जाता था। अब शक यह हो रहा है कि इस घटना के पीछे ललित और उसकी पत्नी की अहम भूमिका है। बहरहाल, मामले की छानबीन की जा रही है और पुलिस सच की तलाश में अब भी जुटी है।