थाना अधिकारी प्रभुसिंह चुण्डावत ने बताया कि क्षेत्र में अपराधिक गतिविधियों की रोकथाम के लिए योजनाबद्ध रूप से किए जा रहे प्रयासों के तहत पुलिस दल में शामिल सहायक उप निरिक्षक भंवरसिंह, हेड कॉन्स्टेबल शंभूलाल, कॉन्स्टेबलपुष्पेन्द्र की टीम ने क्षेत्र में गश्त करते हुए संदिग्ध लोगों पर नजर रखते हुए उनकी रेकी करना शुरू किया। इन संदिग्धों की ओर से कुण्डिया क्षेत्र में स्थित ट्रांसफार्मरों से ऑयल व कॉइल चुराने की साजिश का खुलासा हुआ। इस पर पुलिस ने योजना बनाकर घेरा डालते हुए आरोपियों को पकड़ने का प्रयास किया। लेकिन, बदमाश मौके से भागने में सफल हो गए। इस पर पुलिस ने पीछा कर पुलिस ने आरोपियों को राजसमन्द व चित्तौड़गढ़ जिलों की सीमा पर स्थित सूरजपुरा चौराहे से दबोचते हुए गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की। पुलिस गिरफ्त में आए आरोपियों में कपासन थाना क्षेत्र के पाण्डोली निवासी जगदीशचंद्र सुखवाल, प्रकाश गाडरी एवं रतनलाल जटिया शामिल हैं।
पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के बाद उनके कब्जे से चोरी की वारदातों में उपयोग में ली जाने वाली एक कार, ऑयल के ड्रम, बेटरी से चलने वाली ड्रिल मशीनों के साथ चोरी में प्रयुक्त होने वाले अन्य उपकरण बरामद किए हैं। आरोपियों से की गई पुछताछ में उन्होंने गिलूण्ड, सूरजपुरा, कुण्डिया, कोलपुरा, बैठुम्बी, पनोतियां आदि गांवों में करीब 15 ट्रांसफार्मरों से ऑयल चुराने की वारदातों को अंजाम देना स्वीकार किया है। गिरोह का मुख्य सरगना कपासन थाना क्षेत्र के बालेड़ा निवासी जगदीश जाट के होने का खुलासा हुआ है। पुलिस ने गिरोह के मुख्य सरगना को गिरफ्तार करने के लिए कई संदिग्ध स्थानों पर दबिश दी, लेकिन सफलता हाथ नहीं लग पाई। पुलिस आरोपी की सरगर्मी से तलाश कर रही है।
आरोपियों के हैं कई अपराधिक रिकॉर्ड
पुलिस गिरफ्त में आए ट्रांसफार्मर ऑयल चोर गिरोह में शामिल जगदीशचंद्र डोडा-पोस्त तस्करी के मामले में आमेट एवं गोगुंदा क्षेत्र में एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार हो चुका है। वहीं, पुलिस गिरफ्त में नहीं आ पाया मुख्य सरगना जगदीश कपासन थाना क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर होकर पूर्व में भी 22 प्रकरणों में गिरफ्तार हो चुका है।
यूं देते वारदातों को अंजाम
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे दिन के समय में उदयपुर नंबर की एक कार लेकर विभिन्न रास्तों पर भ्रमण करते रहते और खेतों में और वीरान स्थानों पर लगे विद्युत ट्रांसफार्मरों की रेकी कर उन्हे चिन्हित करते थे। बाद में साजिश रचते हुए रात्रि के समय में उपकरणों के साथ मौके पर पहुंच कर चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे। विद्युत पोल पर लगे ट्रांसफार्मरों में बेटरी चलित ड्रिल से छेद कर उसमें से निकलने वाले ऑयल को ड्रमों में भर कार में रखकर ले जाते थे। आरोपी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने के लिए पहले एक क्षेत्र का चयन करते थे और बाद में इसी क्षेत्र में वारदातों को अंजाम देते थे।
50 लीटर का ड्रम मात्र 3 हजार रुपए में
गिरोह के मुख्य सरगना के पास एक एक्सकेवेटर मशीन है, जिसमे ट्रांसफार्मरों से ऑयल चुराकर भरा जाता है। ट्रांसफार्मरों से चुराए गए ऑयल से मशीन किराए पर चलाते हुए वह मोटी राशि भी कमाता है। वहींं, एक्सकेवटर में उपयोग के बाद बचने वाले ऑयल को वे बस, ट्रक, ट्रैक्टर चालकों को 3 हजार रुपए प्रति 50 लीटर ऑयल की दर से बेच देत थे। बताया कि उन्हें एक ट्रांसफार्मर से करीब 200 लीटर तक ऑयल मिल जाता था।