कब्रिस्तान के आस पास लकड़ी चुनने वाली महिलाओं ने जब उसे देखा तो मिट्टी में गाड़ी गई बच्ची की सिसकी सुनकर सभी भूत होने का शोर मचाती वहां से भाग गई। जिसके बाद स्थानीय लोग जब वहां जूटे तो देखा कि मिट्टी के अंदर एक बच्ची है। ग्रामीणों को जब वह बच्ची मिली तो वह काफी जख्मी थी और डरी हुई थी। वह कुछ बोल भी नहीं पा रही थी। लोगों ने बच्ची को पानी पिला कर उसे शांत किया। बच्ची ने अपना नाम लाली और पिता व मां का नाम राजू शर्मा एवं रेखा देवी बताया।
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सिसकते-सिसकते बच्ची ने बताया, “मेरी मां और नानी ने घूमने के बहाने लाकर मेरा गला दबा कर मिटी में गाड़ दिया।” बच्ची से उसके गांव का नाम पूछा गया तो वह गांव का नाम ठीक से बोल नहीं पाई। बच्ची को बाहर निकाल कर लोगों ने कोपा थानाध्यक्ष को सूचित किया। सूचना पाकर गश्ती दल में तैनात एएसआई रविंदर सिंह ने मौके पर पहुंच कर घटना की जानकारी ली। कोपा पुलिस ने प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। कोपा पुलिस ने बताया कि बच्ची के परिजनों का पता लगाया जा रहा है।