दरअसल, विवाद जमीन की वास्तविक स्थिति में हुई गड़बड़ी के चलते हुआ। एक किसान के भाई ने अपने भाई के जमीन को बिना बताए उसकी कब्जे वाली जमीन को बेच दी। यह मामला पहले से ही एसडीएम कार्यालय में चल रहा था। जब भूमि की नपती की जा रही थी, तो स्थानीय ग्रामीण इसका विरोध करने पहुंचे। ग्रामीण चाह रहे थे कि जमीन से संबंधित विवादित रिकॉर्ड को ठीक किया जाए। इस दौरान नाराज ग्रामीणों ने प्रशासन के अफसरों को घेर लिया और डीजी शैलेश सिंह की गाड़ी पर पथराव भी किया।
विवाद बढ़ने पर ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन और नपती करने गए लोगों के खिलाफ नारेबाजी करना शुरू कर दिया। वहीं जब एक पुलिसकर्मी ने डीजी की गाड़ी में लगी नेम प्लेट को ढ़कने की कोशिश की, तो ग्रामीण उसे हटाकर नारेबाजी करने लगे। इसके बाद मामला और तूल पकड़ लिया। महिलाएं हसिया और दराटा लेकर विवादित स्थल पर पहुंच गई। इससे धक्का मुक्की शुरू हो गई। इस दौरान मौजूद पुलिस बल के जवानों ने स्थिति को संभालते हुए मामले का शांत कराया।
मामले में टीआई नीरज वर्मा ने बताया कि डीजी शैलेश सिंह भी मौके पर मौजूद थे, और हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराया। हालांकि, इस दौरान किसी को गंभीर चोट नहीं आई।