युजवेंद्र चहल ने एक निजी चैनल को इंटरव्यू में बताया कि जब वे और कुलदीप साथ खेलते थे तो हार्दिक पांड्या भी खेलते थे। वहीं साल 2018 में हार्दिक पांड्या चोटिल हो गए और उसके बाद से टीम का कॉम्बिनेशन खराब हो गया था। चहल का कहना है कि हार्दिक के टीम में न होने से ना होने से रवींद्र जडेजा ने बतौर ऑलराउंडरर सीमित ओवर के क्रिकेट में वापसी की। चहल का कहना है कि रविंद्र जड़ेजा सातवें नंबर पर बल्लेबाजी भी कर सकते थे। चहल का कहना है कि अगर जड़ेजा मध्यम गति के गेंदबाज होते तो वे और कुलदीप साथ में खेल सकते थे।
चहल ने कहा,’कुलदीप और मैं किसी भी सीरीज के आधे-आधे मैच में खेलते थे। कई बार कुलदीप पांच मैचों की सीरीज में तीन मैच खेलते तो कई बार यह मौका मुझे मिलता था। हम तब तक साथ थे जब तक हार्दिक मौजूद थे। टीम की जरूरत है कि उसे सातवें नंबर पर एक ऑलराउंडर चाहिए। मैं भले ही ना खेलूं लेकिन अगर टीम जीत रही है तो मैं इसी बात से खुश हूं।’
जब महेन्द्र सिंह धोनी टीम इंडिया के कप्तान थे तो युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की जोड़ी टीम के लिए लगातार खेल रही थी। वहीं महेन्द्र सिंह धोनी के सन्यास के बाद कुलदीप यादव को टीम में खेलने के बहुत कम मौके मिले। कुलदीप यादव के बाद युजवेंद्र चहल को भी टीम से बाहर कर दिया गया। टीम में कम मौके मिलने से कुलदीप यादव काफी निराश हैं। आईपीएल के दौरान भी उन्हें बेंच पर बैठाया गया था।