रणजी ट्रॉफी मैच खेलने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं थे ईशान किशन
बता दें कि उस समय भारत के हेड कोच रहे राहुल द्रविड़ ने कहा था कि अगर किशन वापसी करना चाहते हैं, तो उन्हें घरेलू मैचों में खेलना चाहिए और अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए। हालांकि घरेलू मैचों को छोड़ने के उनके फैसले की कड़ी आलोचना हुई, लेकिन अब किशन ने खुलासा किया है कि वह रणजी ट्रॉफी मैच खेलने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं थे।
‘फिर तो अंतरराष्ट्रीय ही खेलता’
किशन ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि मैंने ब्रेक लिया और मुझे लगता है कि ये सामान्य था। नियम है कि अगर आप वापसी करना चाहते हैं तो आपको घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। यह इतना ही सरल है। अब, मेरे लिए घरेलू क्रिकेट खेलना बहुत अलग था, क्योंकि इसका कोई मतलब नहीं था। मैं खेलने के मूड में नहीं था और इसलिए मैंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से ब्रेक लिया। यह समझ में नहीं आता कि आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से ब्रेक लें और फिर घरेलू मैच खेलें। फिर तो आप अंतरराष्ट्रीय ही खेलते।
मेरे साथ ही क्यों…
किशन ने ये भी स्वीकार किया कि अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें भारतीय टीम के लिए पर्याप्त खेलने का समय नहीं मिलने से वह निराश हैं। उन्होंने कहा कि ये निराशाजनक था। आज मैं यह नहीं कहना चाहता कि सब कुछ ठीक था। यह मेरे लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था। आप बहुत कुछ झेलते हैं। मेरे दिमाग में ये सब चलता रहा कि यार क्या होगा, क्यों हो गया, मेरे साथ ही क्यों। ये सब तब हुआ जब मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा था।”
जिम्बाब्वे दौरे पर भी अनदेखी
बता दें कि दक्षिण अफ्रीका दौरे और रणजी ट्रॉफी को छोड़ने के बाद किशन इस साल की शुरुआत में आईपीएल से वापसी की। उन्होंने 14 पारियों में 22.85 की औसत और 148.83 की स्ट्राइक रेट से सिर्फ़ 320 रन बनाए। इसके बावजूद उन्हें टी20 विश्व कप के लिए नहीं चुना गया और प्रबंधन ने ऋषभ पंत और संजू सैमसन को दो विकेटकीपर के रूप में चुना। इतना ही नहीं किशन को जिम्बाब्वे दौरे के लिए भी नहीं चुना गया।