बोले, सुशांत की दर्द की कल्पना नहीं की जा सकती
रॉबिन उथप्पा ने कहा कि वह खुद दो साल तक डिप्रेशन से जूझ चुके हैं। उनके खुद के मन में बार-बार बॉलकनी से कूद कर आत्महत्या करने का विचार आता था। सुशांत की आत्महत्या पर उन्होंने कहा कि यह समझ के परे और हैरानीभरा है। साथ में यह भी कहा कि उस दर्द की कल्पना नहीं की जा सकती, जिससे सुशांत जूझ रहे थे।
मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर बात करते हुए रॉबिन उथप्पा ने कहा कि अगर आप ठीक नहीं हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो जरूरी यह है कि हम उस पर बात करें। बताएं कि हमारे भीतर क्या चल रहा है। यह बहुत जरूरी है। उथप्पा ने कहा कि वह इसे बार-बार नहीं दोहरा सकते। हम जितना समझते हैं, यह विचार उससे ज्यादा मजबूत होता है। अगर आप ठीक नहीं हैं तो कोई बात नहीं। उस पर बात करें।
उथप्पा बोले, क्रिकेट ने आत्महत्या से बचा लिया
बता दें कि कुछ समय पहले अपने डिप्रेशन के बारे में रॉबिन उथप्पा ने बताया था। उन्होंने कहा था कि उनके मन में 2009 से लेकर 2011 के बीच वह लगातार आत्महत्या के विचारों से जूझते रहे थे। उनके मन में यह ख्याल आता था कि वह बालकनी से कूद जाएं। वह क्रिकेट ही था, जिसने उन्हें बालकनी से कूदने से रोका था।
बताया डिप्रेशन में क्या सोचते थे
रॉबिन उथप्पा ने कहा कि वह इस मुश्किल घड़ी में इधर- उधर बैठकर सिर्फ यही सोचते थे कि वह दौड़कर जाएं और बालकनी से कूद जाएं। मगर किसी चीज ने उन्हें इससे रोक रखा था। इसके बाद उन्होंने अपनी डायरी लिखनी शुरू की। इसके बाद एक इंसान के तौर पर उन्होंने खुद को समझना शुरू किया। इसके बाद बाहरी मदद भी ली, ताकि अपनी जिंदगी में बदलाव ला सकें।