scriptब्रेक्जिट का असर : जिम्बाब्वे के बाद अब इंग्लैंड में भी बेरोजगार हो सकते हैं कई क्रिकेटर | these county player may be affected after brexit deal | Patrika News
क्रिकेट

ब्रेक्जिट का असर : जिम्बाब्वे के बाद अब इंग्लैंड में भी बेरोजगार हो सकते हैं कई क्रिकेटर

कोल्‍पक डील के तहत ज्यादातर दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी खेलते हैं। इसके अलावा जिम्बाब्वे, केन्या, आयरलैंड और विंडीज के खिलाड़ी भी इस डील के तहत काउंटी खेलते हैं।

Jul 26, 2019 / 09:05 pm

Mazkoor

county cricket

लंदन : इंग्लैंड में प्रधानमंत्री बदल गए हैं। नए प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने बिना किसी शर्त के यूरोपीय यूनियन से बाहर निकलने की घोषणा कर चुके हैं। लेकिन इस सियासी निर्णय का असर सिर्फ ब्रिटेन और यूरोप की सियासी गलियारों में ही नहीं पड़ेगा। इसका असर तकरीबन हर क्षेत्र में पड़ेगा। इसमें खेल भी शामिल है। अगर ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होता है तो कोल्‍पक डील के तहत ब्रिटेन में खेलने वाले खिलाड़ियों को भी देश छोड़ना पड़ सकता है। ऐसे खिलाड़ियों की संख्या तकरीबन 50 के आस-पास बताई जाती है, जो कोल्पक डील के तहत ब्रिटेन में खेल रहे हैं। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ( ICC ) के एक निर्णय से जिम्बाब्वे के भी कई क्रिकेटरों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। हाल ही में आईसीसी ने जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ( Zimbabwe Cricket Board ) को निलंबित कर दिया है।

27 साल की उम्र में मोहम्मद आमिर ने लिया टेस्ट क्रिकेट से संन्यास

2021 तक छोड़ना पड़ सकता है ब्रिटेन

अगर बिना किसी समझौते के 31 अक्‍टूबर तक ब्रेग्जिट लागू हो जाता है तो तकरीबन 50 क्रिकेटरों को 2021 तक इंग्‍लैंड छोड़कर जाना पड़ सकता है। इसको लेकर इंग्‍लैंड और वेल्‍स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने गाइडलाइंस जारी कर दी है। ईसीबी ने इस बारे में 18 काउंटी क्लबों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इसमें ब्रेग्जिट के बाद क्या-क्या बदलावा हो सकते हैं, इसकी जानकारी दी गई है। ब्रेग्जिट के बाद इनमें से कुछ ही खिलाड़ी काउंटी में खेल पाएंगे, वह भी विदेशी खिलाड़ी के हैसियत से। अभी तक कोल्पक डील के तहत खेलने वाले खिलाड़ियों को काउंटी में विदेशी खिलाड़ी नहीं माना जाता था। ब्रेक्जिट के बाद नया कोल्‍पक डील नहीं हो पाएगा। पुराना करार 2020 के सीजन तक का ही है। ब्रिटेन में कोल्‍पक डील के तहत ज्यादातर दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी खेलते हैं। इसके अलावा जिम्बाब्वे, केन्या, आयरलैंड और विंडीज के कुछ खिलाड़ी भी इस डील के तहत इंग्लैंड में काउंटी खेलते हैं।

न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन कर सकते हैं रवि शास्त्री की छुट्टी!

यह है कोल्‍पक डील

कोल्‍पक डील के तहत क्रिकेट खेलने वाले यूरोपीय यूनियन के पासपोर्ट धारक खिलाड़ी की गिनती विदेशी खिलाड़ियों के रूप में नहीं होती है। इसके तहत सिर्फ यूरोपीय ही नहीं आते, जिन-जिन देशों का यूरोपीय यूनियन से समझौता है, वहां के लोग यूरोपीय यूनियन के किसी भी देश में रह सकते हैं और काम कर सकते हैं। उनके पास वह सारे अधिकार होते हैं, जो यूरोपीय यूनियन के नागरिकों के पास होते हैं। कोल्‍पक डील के बाद खिलाड़ी प्राथमिकता राष्‍ट्रीय टीम नहीं रहती। क्रिकेट सीजन के दौरान उन्हें काउंटी की तरफ से ही खेलना होता है।

Hindi News / Sports / Cricket News / ब्रेक्जिट का असर : जिम्बाब्वे के बाद अब इंग्लैंड में भी बेरोजगार हो सकते हैं कई क्रिकेटर

ट्रेंडिंग वीडियो