इन 11 के कंधों पर करोड़ों लोगों की खुशियों का दारोमदार
भारतीय टीम भी जानती है कि पूरे देश को उनसे क्या उम्मीदें हैं। टीम इंडिया इस टूर्नामेंट में अभी तक जिस रणनीति और आक्रामकता के साथ खेली है, यदि वो उसी को फाइनल में दोहराने में सफल रही तो फिर जीत पक्की है। एक नजर डालते हैं कि अंतिम एकादश में खेलने वाले सभी 11 खिलाडिय़ों को कोच राहुल द्रविड़ ने क्या भूमिका दी है।
रोहित शर्मा 10 मैचों में 550 रन, 1 शतक, 3 अर्धशतक
शुरुआती 10 ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करना और विपक्षी टीम के शीर्ष गेंदबाजों का मनोबल तोडऩा है। इससे अन्य बल्लेबाजों पर से दबाव हटता है।
शुभमन गिल 8 मैचों में 350 रन, 4 अर्धशतक
रोहित का साथ निभाने अच्छी शुरुआत देने की जिम्मेदारी। यदि रोहित जल्द आउट हो जाते हैं तो फिर उन्हें आक्रामक बल्लेबाजी की बागडोर संभालनी होगी।
विराट कोहली 10 मैचों में 711 रन, 3 शतक, 5 अर्धशतक
एक छोर संभाले रखना और आखिरी ओवर तक बल्लेबाजी करने की जिम्मेदारी। इस बीच, लगातार सिंगल और डबल लेकर टीम का अच्छा रनरेट बनाए रखना।
श्रेयस अय्यर 10 मैचों में 526रन, 2 शतक, 3 अर्धशतक
यदि ओपनर जल्द आउट हो जाते हैं तो लंबी पारी खेलनी होगी। यदि अच्छी शुरुआत मिलती है तो बीच के ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करनी होगी।
लोकेश राहुल 10 मैचों में 386 रन, 1 शतक, 1 अर्धशतक
यदि शीर्षक्रम के 2-3 बल्लेबाज जल्द आउट हो जाएं तो एक छोर पर आखिरी ओवर तक डटे रहना है। वह विकेटकीपर भी हैं तो उनपर दोहरी जिम्मेदारी है।
सूर्यकुमार यादव 6 मैचों में 88 रन
शीर्षक्रम के असफल रहने पर बड़ी पारी खेलने का जिम्मा उनके कंधों पर है। आखिरी ओवरों में तेज गति से रन बनाने का दारोमदार भी उनके ऊपर ही है।
रवींद्र जडेजा 10 मैचों में 111 रन, 16 विकेट
जडेजा टीम के एकमात्र ऑलराउंडर हैं, जिनसे निचलेक्रम पर अच्छी बल्लेबाजी की दरकार है। वहीं, बीच के ओवरों में रन गति पर अकुंश लगाने और विकेट लेने की जिम्मेदारी है।
कुलदीप यादव 10 मैचों में 15 विकेट
कुलदीप टीम के विशेषज्ञ स्पिनर है। उन्हें 15 से 35 ओवर के बीच ज्यादा से ज्यादा विकेट लेने और रनों पर लगाम लगाने की जरूरत है।
जसप्रीत बुमराह 10 मैचों में 15 विकेट
शानदार फॉर्म में चल रहे बुमराह को शुरुआत में ही विपक्षी बल्लेबाजों के विकेट चटकाने होंगे और उनपर दबाव बनाना होगा। डेथ ओवरों में रनों पर अंकुश लगाना होगा।
मोहम्मद सिराज 10 मुकाबलों में 13 विकेट
सिराज को बुमराह के साथ नई गेंद से विकेट लेने होंगे। कई बार वे खर्चीले साबित होते हैं। इस कारण उन्हें किफायती गेंदबाजी करने की भी जरूरत है।
मोहम्मद शमी 6 मैचों में 23 विकेट
यदि बुमराह और सिराज विकेट लेने में विफल रहें तो शमी पर विपक्षी बल्लेबाजों को आउट करने की जिम्मेदारी है। वे बीच के और डेथ ओवर में रिवर्स स्विंग से भी विकेट चटका सकते हैं।