गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स में बात करते कहा, ‘कोहली को सिर्फ अपने हीरो सचिन तेंदुलकर को देखने की जरूरत है, जिस तरह से तेंदुलकर ने अपने ऑफ साइड के खेल पर अपना धैर्य और नियंत्रण बनाए रखा और सिडनी में 241 रन बनाए। कोहली को भी ऐसा ही करना चाहिए।’ गावस्कर ने कहा, ‘तेंदुलकर ने एससीजी में 33 चौकों की मदद से 436 गेंद पर 241 रनों की असाधारण पारी खेली थी, जबकि वह भी 2003-04 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान विकेट के पीछे कैच आउट होने की समस्या से जूझ रहे थे।’
गावस्कर ने कहा, ‘सचिन ने ऑफ साइड या कम से कम कवर में कोई शॉट नहीं खेला क्योंकि इससे पहले वे कवर में खेलने की कोशिश करते हुए आउट हो रहे थे।’ इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘उन्होंने जो शॉट खेले वे काफी हद तक सीधे या ऑन साइड पर थे।’ उन्होंने कहा, ‘इसी तरह उन्हें अपने दिमाग और अपने खेल पर नियंत्रण रखना चाहिए। उन्हें सोचना चाहिए कि अगर गेंद ऑफ स्टंप पर है, मैं रक्षात्मक होकर खेलूंगा। मैं इस पर रन बनाने की कोशिश नहीं करूंगा।’
गावस्कर ने कहा कि कोहली को अपनी परेशानियों को दूर करने के लिए ड्राइव करने की बजाय अपने ‘बॉटम हैंड’ का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘उनके पास इतना शानदार बॉटम हैंड है कि वे उस क्षेत्र में, सीधे या मिडविकेट की ओर खेल सकते हैं।’
कोहली ने इस सीरीज में एक शतक लगाया है। इसके अलावा वे 5, 7, 11 और 3 के स्कोर पर आउट हुए हैं। गावस्कर ने तेंदुलकर की जिस पारी का जिक्र किया वह उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी। इस पारी में तेंदुलकर ने 10 घंटे से अधिक समय तक बल्लेबाजी की थी और एक भी कवर ड्राइव नहीं खेली थी।