शिखर धवन ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद भी उनकी इच्छा क्रिकेट से जुड़े रहने की है। उन्होंने बताया कि क्रिकेट से रिटायर होने के बाद वह कामयाब क्रिकेट कमेंटेटर (Cricket Commentator) बनना चाहते हैं। धवन ने कहा कि उनका सेंस ऑफ ह्युमर (Sense of Humour) बहुत अच्छा है। धवन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जिस दिन वह कमेंट्री के क्षेत्र में प्रवेश करेंगे, काफी अच्छा करेंगे, खासकर हिंदी में। धवन ने कहा कि उनकी हिंदी की टाइमिंग बहुत अच्छी है और सेंस ऑफ ह्युमर बहुत शार्प है। वह इस काम को बहुत प्यार से करेंगे।
और भी हैं विकल्प
धवन ने कहा कि उनके पास कमेंट्री के अलावा भी बहुत सारे विकल्प है। वह मोटिवेशनल स्पीकर भी बन सकते हैं। धवन ने कहा कि उनके पास एक बांसुरी है, यदि वह एक मोटिवेशनल स्पीकर बने तो वह अपनी बांसुरी अपने साथ ले जाएंगे। बजाने के लिए उनके पास बहुत सारे वाद्य यंत्र है। बता दें कि धवन को संगीत से बहुत प्यार है। कई वाद्य यंत्र बखूबी बजा लेते हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को काम के अलावा भी शौक रखना चाहिए। उन्होंने कहा है कि बांसुरी से उन्हें इतना लगाव है कि वह बांसुरी बजाते लोगों को सुनते हैं, चाहे कोई सड़क पर बजा रहा हो। वह वहां खड़ा रहते थे और तब तक सुनते रहते, जब तक बांसुरी बजती रहती। तभी उन्होंने यह तय कर लिया था कि वह कोई न कोई वाद्य यंत्र जरूर सीखेंगे। इसके बाद उन्होंने ऑनलाइन क्लास लेना शुरू कर दिया। धवन ने कहा कि बांसुरी सीखे उन्हें पांच साल हो गए हैं और उन्हें अब बहुत खुशी होती है। उन्हें इसे बजाने में बहुत मजा आता है।
शौक के लिए बहुत समय है
शिखर धवन ने कहा कि बतौर क्रिकेटरों लोग कहते हैं कि उनके पास समय नहीं है। शौक के लिए लेकिन उनके पास बहुत खाली समय है। हर किसी को शौक होना चाहिए। यह हर किसी को दिमाग को बहुत शांत रखता है, जो बहुत अहम है।