इसकी वजह जानने के लिए हमें कुछ साल पीछे जाना पड़ेगा। साल 2016 पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद ने शाहिद अफरीदी को लेकर संगीन आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि शाहिद अफरीदी एक फिक्सर है और उन्होंने मैच फिक्स किए हैं।
जावेद ने अपने एक इंटरव्यू में शाहिद को लेकर कहा कि ‘शाहिद को मैं कहता हूं कि वह अपने बच्चियों पर हाथ रखकर और कसम खा कर बोले दे कि उसने पाकिस्तान को बेचा नहीं है। मैं गवा हूं, मैंने तो पकड़ा है इसको खुद और अगर ऐसा होता तो मैं पाकिस्तान टीम छोड़ कर गया। मैंने तो पूरी टीम को पकड़ा था राइट, ये लोग फिक्सर हैं।
इसके बाद जावेद द्वारा अफरीदी पर लगाए गए, इन आरोपों के बाद, शाहिद अफरीदी ने जावेद मियांदाद को लीगल नोटिस भेजने की बात कही थी। अफरीदी ने कहा कि जावेद को तो हर बात में पैसा ही दिखता है।
उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘मियांदाद को तो सारी जिंदगी पैसों का मसला रहा है और अभी भी रहा है।’ इतने बड़े क्रिकेटर को ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए, यही फर्क है जावेद मियांदाद और इमरान खान में।
और इसके बाद कहानी में एंट्री होती है दाऊद इब्राहिम की, बता दें कि दाऊद इब्राहिम की बेटी का रिश्ता जावेद मैदान के बेटे से हुआ है। रिश्ते में जावेद मियांदाद दाऊद की बेटी के ससुर हैं, यानी कि दाऊद और जावेद आपस में समधी हैं। इसी वजह से उन्होंने शाहिद अफरीदी को धमकी दी थी। मीडिया खबरों के अनुसार 16 अक्टूबर 2016 को दाऊद इब्राहिम ने एक अनजान नंबर से रात 8 से 9 के बीच शाहिद अफरीदी को फोन किया और कहा या तो अपना मुंह बंद रखें या फिर अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें।