सनथ जयसूर्या ने वर्ष 1988 में अंडर 19 वर्ल्ड कप में श्रीलंका टीम का प्रतिनिधित्व किया था। इसके बाद उन्हें श्रीलंका की बी टीम में पाकिस्मानी दौरे के लिए चुना गया। उस दौरे पर जससूर्या ने दोहरा शतक जड़ा था। इसके बाद श्रीलंका की टीम में जयसूर्या को खेलने का मौका मिला। हालांकि टीम में उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही। वर्ष 1989 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर वह पांचवें नंबर पर बैटिंग करने उतरे और मात्र 3 रन बनाकर आउट हो गए। करीब सिलसिला 4 साल तक उनका प्रदर्शन खराब ही रहा।
वर्ष 1994 में जब पाकिस्तान की टीम श्रीलंका दौरे पर आई थी तब जयसूर्या ने तीन मैचों में अर्धशतक लगाए थे। पहली बार बतौर ओपनर खेले थे लेकिन इसके बाद भी उनका बल्लेबाजी क्रम बदलता रहा। वर्ष 1994 में 8 दिसंबर को जयसूर्या ने साउथ अफ्रीका में न्यूजीलैंड के खिलाफ बतौर ओपनर 140 रन बनाए। वर्ष 1996 के वर्ल्ड कप में सनथ जयसूर्या ने कमाल कर दिया। उस वक्त श्रीलंका की टीम को कमजोर माना जा रहा था। ओपनिंग की जिम्मेदारी जयसूर्या और रोमेश कालूवितरणा को दी गई। बतौर ओपनर जयसूर्या ने वर्ल्ड कप में जैसी पारी खेली, उसे देखकर पूरी दुनिया दंग रह गई थी। उन्होंने 1996 वर्ल्ड कप में श्रीलंकाई टीम को हर मैच में तूफानी शुरुआत दिलाई। श्रीलंका की टीम वर्ल्ड कप 1996 में एक भी मैच नहीं हारी और खिताब अपने नाम किया। 1996 के वर्ल्ड कप में जयसूर्या को टूर्नामेंट का सबसे कीमती खिलाड़ी चुना गया।
जससूर्या ने अपने क्रिकेट कॅरियर में ऐसा रिकॉर्ड बनाया था, जिसे विश्व का कोई भी बल्लेबाज 19 वर्ष तक नहीं तोड़ पाया था। 1996 में जयसूर्या ने वनडे क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड बनाया था। यह रिकॉर्ड उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सिंगर कप त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में बनाया था। उन्होंने इस मैच में मात्र 17 गेंदों में 50 रन बनाए थे। जयसूर्या का यह रिकॉर्ड वर्ष 2015 में दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स ने 16 गेंदों में अर्धशतक बनाकर तोड़ दिया था। सनथ जयसूर्या ने 2011 में इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंंट ले लिया था।