इस हार के बाद रोहित शर्मा को टेस्ट क्रिकेटर और लीडर के रूप में अपने भविष्य को लेकर कठिन सवालों का सामना करना पड़ा। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, भारतीय कप्तान ने स्वीकार किया कि उनकी बल्लेबाजी और कप्तानी दोनों ही उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी।
रोहित का फॉर्म भारतीय टीम के लिए चिंता का बड़ा विषय है। वे अबतक पांच पारियों में सिर्फ 31 रन बना पाये हैं। वहीं पिछले छह टेस्ट में रोहित ने मात्र 123 रन बनाए हैं। उनकी कप्तानी का रिकॉर्ड भी सवालों के घेरे में आ गया है, क्योंकि उनके नेतृत्व में भारत अपने पिछले छह टेस्ट में एक भी जीत दर्ज नहीं की है।
रोहित ने हार के बाद सोमवार को संवाददाताओं से कहा, “आज हमारे पास इस मैच को ड्रा कराने का अच्छा मौका था। अगर हम अच्छा खेलते हैं, तो यह 2-2 होता। मैं आज जहां खड़ा हूं, वहीं खड़ा हूं। अतीत में क्या हुआ है, इस बारे में सोचने की कोई जरूरत नहीं है। बल्लेबाज के तौर पर मैं जो बहुत सी चीजें करने की कोशिश कर रहा हूं, वे सही नहीं हो रही हैं। आप यहां आकर चीजों को सफलतापूर्वक करने की कोशिश करना चाहते हैं। जब यह सफल नहीं होता है, तो यह निराशाजनक होता है।”
रोहित ने यशस्वी जायसवाल के आउट होने के विवाद के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि इसका क्या मतलब निकाला जाए, क्योंकि तकनीक कुछ भी नहीं दिखा रही थी। नंगी आंखों से देखने पर पता चलता है कि गेंद ने किसी चीज को छुआ है। मुझे नहीं पता कि अंपायर क्या कहना चाहते हैं। ईमानदारी से कहूं तो उन्होंने गेंद को छुआ था। हम इस पर ज्यादा गौर नहीं करना चाहते। हम बस गलत दिशा में जा रहे हैं।”
भारत अब सिडनी में नए साल के टेस्ट के लिए तैयार है, जिसमें उसे सीरीज बराबर करने और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी बरकरार रखने के लिए जीत की जरूरत है। रोहित ने अंतिम टेस्ट के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “ऐसी चीजें हैं जिन पर हमें, एक टीम के रूप में, ध्यान देने की जरूरत है, और मुझे व्यक्तिगत रूप से भी उन पर ध्यान देने की जरूरत है। हम कोशिश करेंगे और देखेंगे कि क्या होता है।”